बिजली के खपत के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में होने वाली बिजली की खपत काफी तेजी से बढ़ रही है। देश में ईवी चार्जिंग में जितनी बिजली की खपत हो रही है, उसका 55 फीसद सिर्फ दिल्ली में इस्तेमाल होता है।
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में 113.43 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई, जबकि इसी अवधि में पूरे देश में ईवी चार्जिंग में 205 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई। आंकड़ों से पता चलता है कि ईवी चार्जिंग में देशभर में हुई कुल बिजली खपत के 35 फीसद की खपत अकेले बीएसईएस इलाके में हुई। ईवी चार्जिंग में दिल्ली में हुई कुल बिजली खपत के 65 फीसद हिस्से की खपत सिर्फ बीएसईएस क्षेत्र में हुई।
सीईए आंकड़ों के मुताबिक बीएसईएस राजधानी ( बीआरपीएल) इलाके में ईवी चार्जिंग में 47.12 मिलियन यूनिट, बीएसईएस यमुना ( बीवाईपीएल) क्षेत्र में 26 मिलियन यूनिट और टाटा पावर ( टीपीडीडीएल) क्षेत्र में 40 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई। गौरतलब है कि बीएसईएस ने दिल्ली के 1000 स्थानों पर करीब 3000 चार्जिंग स्टेशन लगाए हैं।
ईवी चार्जिंग में बिजली खपत के मामले में दिल्ली के बाद राजस्थान का नंबर आता है, जहां 57.28 मिलियन यूनिट की खपत हुई। राजस्थान के बाद गुजरात है, जहां 24.10 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई। दिल्ली, राजस्थान और गुजरात को छोड़ दें, तो सिर्फ दो राज्यों ने ही ईवी चार्जिंग में एक मिलियन यूनिट के आंकड़े को छुआ है, वे हैं पश्चिम बंगाल जहां 3 मिलियन यूनिट बिजली की खपत दर्ज की गई है और बिहार जहां 2.55 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई है।