बाबा रामदेव के द्वारा एलोपैथी डॉक्टरों को लेकर दिए गए विवादित बयान की वजह से ट्विटर पर उनको गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है। सोमवार को #ArrestRamdev दिन भर पर ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा। कई सोशल मीडिया यूजर्स सहित विपक्षी दलों के कई नेता भी योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते नजर आए। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तो बाबा रामदेव को ठग बता दिया।

सोमवार को सोशल मीडिया यूजर्स बाबा रामदेव के पुराने वीडियो को भी ट्वीट कर निशाना साधने लगे। इनमें से कई वीडियो में बाबा रामदेव आयुर्वेद को उच्च कोटि का बताते हुए एलोपैथी और उसके डॉक्टरों पर तंज कसते हुए नजर आ रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का एक वीडियो काफी ट्रेंड हुआ जिसमें वो बाबा रामदेव की आलोचना करते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो को दोबारा से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा है कि रामदेव बालकृष्ण की जोड़ी ठग थी, ठग है और ठग रहेगी। 

दिग्विजय सिंह के अलावा कई और विपक्षी नेताओं ने भी ट्विटर के जरिए बाबा रामदेव पर निशाना साधा। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास ने भी बाबा रामदेव का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी इन्हें हमारे डॉक्टरों के खिलाफ क्यों जहर उगलने दे रहे हैं, क्या आप भारतीय होने के नाते इसका समर्थन करते हैं। साथ ही कांग्रेस नेत्री डॉ शमां मोहम्मद ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि बाबा रामदेव को महामारी रोग नियंत्रण एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। रामदेव हमारे डॉक्टरों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का अपमान कर रहे हैं।  

इसके अलावा शिवेंद्र नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि ये उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है, कोई भी चिकित्सा पद्धति कभी एक दूसरे को नीचा नहीं दिखाती है। वहीं पायलेट प्रागपुरा नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि जो बाबा रामदेव पतंजलि संस्था के डेयरी के मुखिया को कोरोना संक्रमण से नहीं बचा सके, वह देश के लोगों को बचाने की बात करते हैं, इसका सीधा सा मतलब है कि देश को कोरोनिल के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।

बता दें कि पिछले दिनों बाबा रामदेव ने एक मंच पर बैठकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले क्लोरोक्वीन फेल हुई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई, फिर एंटीबायोटिक फेल हो गए, फिर स्टेरॉयड फेल हो गए, फिर प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी बैन लग गया। इसके अलावा बाबा रामदेव ने यह भी कह दिया कि बुखार की कोई दवाई कोरोना पर काम नहीं कर रही और लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है।

बाबा रामदेव के इस विवादित बयान पर एलोपैथी डॉक्टरों, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कड़ी आपत्ति जताई और कार्रवाई की मांग की। मामला तुल पकड़ता देख केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी बाबा रामदेव को चिट्ठी लिख डाली। केंद्रीय मंत्री ने रामदेव के बयानों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आपने एलोपैथी के बारे में जो तमाशा, बेकार और दिवालिया जैसे शब्द इस्तेमाल किए हैं वो गलत है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण से डेथ रेट 1.13 फीसदी है तो यह सिर्फ एलोपैथी डॉक्टरों की वजह है। केंद्रीय मंत्री की आपत्ति के बाद बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया