पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से अपने प्रति नरम रुख के संकेत मिलने के एक दिन बाद भाजपा ने गुरुवार को कहा कि उसने सरकार गठन के लिए पार्टियों के साथ जारी बातचीत को देखते हुए राज्यपाल से और समय मांगा है। भाजपा ने साथ ही जम्मू से मुख्यमंत्री होने के मुद्दे पर नरम पड़ने का भी संकेत दिया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जुगलकिशोर शर्मा ने पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा के साथ बैठक के बाद गुरुवार को कहा कि राज्यपाल ने राज्य में सरकार के गठन के लिए आखिरी तारीख 19 जनवरी की तय की है। भाजपा जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी। दूसरी पार्टियों के साथ बातचीत जारी है और राज्य के लोग जल्द ही अच्छी खबर सुनेंगे।
उन्होंने भाजपा के राज्य में एक स्थिर सरकार के लिए काम करने की बात कहते हुए कहा-हमने उनसे (राज्यपाल से) थोड़ा और समय मांगा है ताकि जारी बातचीत (दूसरी पार्टियों के साथ) का नतीजा आ सके। कई मुद्दे हैं जिनपर चर्चा की जरूरत है, इसी वजह से समय लग रहा है।
जम्मू क्षेत्र से मुख्यमंत्री होने की मांग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रदेश भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा, ‘जम्मू, कश्मीर और लद्दाख एक ही राज्य के हिस्से हैं और मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर राज्य से होगा’। प्रदेश भाजपा नेतृत्व अब तक चुनाव पूर्व गठबंधन होने पर जम्मू से मुख्यमंत्री होने पर दृढ़ था जो विशेषकर भाजपा का ही हो। गठबंधन के सहयोगियों के एजंडे के साथ सामंजस्य बिठाने का इशारा करते हुए खन्ना ने कहा कि पार्टी को अच्छी तरह पता है कि एक सफल गठबंधन सरकार कैसे चलाई जाए और लोग इस बारे में हमपर भरोसा करते हैं।
खन्ना ने कहा-जब हम साथ बैठकर सरकार गठन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे तो हम एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ बाहर आएंगे और सरकार चलाने के लिए एक संयुक्त एजंडा बनाएंगे। हम जल्दबाजी में नहीं हैं। हम जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक स्थिर सरकार देने के लिए काम कर रहे हैं जो छह साल का कार्यकाल पूरा करे।
यह पूछे जाने पर कि पार्टी नेशनल कांफ्रेंस या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में से किसके नेतृत्व के साथ संपर्क में हैं, शर्मा ने कहा, ‘आपको पता है कि राज्य में कितनी पार्टियां हैं। हम बस इतना कह सकते हैं कि प्रक्रिया जारी है और आपको आने वाले दिनों में जानकारियां मिल जाएंगी’। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती बुधवार को राज्यपाल से मिली थीं और संकेत दिया था कि पार्टी भाजपा के साथ हाथ मिलाने के खिलाफ नहीं है।
सरकार गठन के मुद्दे पर उन्होंने पत्रकारों से कहा था, ‘पीडीपी की प्राथमिकता केवल सरकार गठन के लिए बहुमत का निर्माण करना नहीं है’। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोगों ने भाजपा को सरकार के गठन के लिए जनादेश दिया है। जो भी सरकार बने वह स्थिर होनी चाहिए और पूरे छह साल तक रहनी चाहिए। और इसके लिए भाजपा जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगी’।
हाल में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन गई है। 28 सीटों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी, जबकि 25 सीटों के साथ भाजपा दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं 87 सदस्यीय विधानसभा में नेशनल कांफ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली हैं जबकि छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में सात सीटें गई हैं।