जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर बने रहस्य के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा है कि राज्य में एक स्थिर सरकार बनाने के लिए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां)और कांग्रेस के साथ महागठबंधन का विचार एक विकल्प हो सकता है।
पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने सोमवार को बताया,‘पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के बीच एक महागठबंधन भी एक विकल्प है।’ अख्तर ने कहा कि यह विकल्पों में से एक विकल्प है जिसे राज्य में एक स्थिर सरकार बनाने और राज्य के सभी क्षेत्रों के लोगों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तलाशा जा सकता है। इस प्रकार के गठबंधन का विचार वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने दिया था। 87 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 28 सीटों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसके बाद भाजपा के हिस्से में 25, नेशनल कांफ्रेंस के खाते में 15 और कांग्रेस के हिस्से में 12 सीटें आई हैं। बाकी की सात सीटें छोटे दलों और निर्दलियों ने जीती हैं। राज्य में सरकार गठन के लिए कोई भी राजनीतिक दल 44 विधायकों का समर्थन जुटाने में सफल नहीं हो पाया है। कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और कई निर्दलियों ने सरकार बनाने के लिए पीडीपी को समर्थन की पेशकश की है।
इस बीच, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के मुद्दे पर बुधवार को प्रदेश के राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात करेंगी। एक सरकारी प्रवक्ता ने सोमवार को बताया,‘सांसद और जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की राज्यपाल के साथ बैठक जम्मू में राज भवन में बुधवार को होगी।’ वोहरा ने राज्य में सरकार गठन के मसले पर विचार-विमर्श के लिए शुक्रवार को महबूबा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को अलग-अलग वार्ता के लिए बुलाया था।
राज्य में अगली सरकार के गठन के लिए पार्टी के भीतर विचार-विमर्श में जुटी पीडीपी ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को ऐसी किसी संभावना पर जानकारी जुटाने के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाने को कहा है। पार्टी विधायकों के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक चर्चा की समाप्ति पर पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनसे कहा कि वे भाजपा के साथ अगली सरकार बनाने की संभावनाओं पर जनता का मूड जानने के लिए अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाएं। पीडीपी सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती के राज्यपाल से मिलने से पूर्व पीडीपी संरक्षक पार्टी के भीतर एक आम सहमति बनाना चाहते हैं।
राज्य में नई सरकार के गठन के लिए पीडीपी को आकर्षित करने में जुटी भाजपा के लिए पीडीपी ने शनिवार को कड़ी शर्तें पेश करते हुए एलान किया था कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के खिलाफ उसके रुख से कोई समझौता नहीं होगा।
इस बीच नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को पार्टी नेताओं को फरमान जारी कर उनसे चुनाव बाद के परिदृश्य समेत नीतिगत मुद्दों पर मीडिया से बातचीत से परहेज करने को कहा।
पार्टी ने एक बयान में कहा,‘फारूक और उमर ने नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर, जम्मू और कश्मीर क्रमश प्रांतीय अध्यक्षों देवेंद्र सिंह राना और नासिर असलम वानी व प्रवक्ता जुनैद आजिम मट्टू को पार्टी की ओर से नीतिगत मुद्दों पर पार्टी का रुख रखने के लिए अधिकृत किया गया है जिनमें चुनाव बाद का परिदृश्य और पार्टी का रुख भी शामिल है।’ इसमें कहा गया है कि अन्य पार्टी नेताओं की ओर से दिए जाने वाले बयानों को उनके निजी विचार के तौर पर लिया जाए। नेशनल कांफ्रेंस ने कहा है कि पार्टी महासचिव इन पदाधिकारियों के बीच संवाद में समन्वय करेंगे।