जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस और विपक्ष पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर आज आरोप लगाया कि विवादित सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) हटाने के मामले में उनका समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि पीडीपी ने उनका समर्थन नहीं किया क्योंकि विपक्षी दल ने इसमें ‘‘राजनीति’’ देखी और सोचा कि इसका श्रेय नेशनल कांफ्रेंस को मिल जाएगा।

यहां चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसमें दो राय नहीं है (कांग्रेस मेरा समर्थन कर सकती थी लेकिन उसने नहीं किया) हालांकि मैं यह नहीं कह सकता कि कांग्रेस मेरे साथ नहीं थी क्योंकि जिस प्रकार से तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने मेरा साथ दिया, किसी और ने नहीं दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘काश सुरक्षा पर कैबिनेट की समिति में चिदंबरम जैसे एक-दो और मंत्री होते, तो आज हम आफस्पा हटाने की राह पर काफी आगे बढ़ चुके होते।’’

नेकां के कार्यवाहक अध्यक्ष के कहा कि एक ओर जहां चिदंबरम अपने कैबिनेट सहकर्मियों को राजी करने में असफल रहे वहीं मुख्यमंत्री प्रदेश में कांग्रेस के अपने मंत्रियों को समझा नहीं सके।

उमर ने कहा, ‘‘जब मैंने आफस्पा हटाने की बात कही तो पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, आप ऐसा नहीं कर सकते हैं और इसके लिए (सशस्त्र) बलों की राय लेनी होगी। वे (पीडीपी) आज जो भी कहना चाहते हैं, उन्हें कहने दीजिए, लेकिन उन्होंने तब हमारा साथ नहीं दिया था।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना सर्वोत्तम प्रयास किया लेकिन अपना यह लक्ष्य नहीं पा सके।