भारतीय ई-कॉर्मस पेमेंट सिस्टम और डिजिटल वॉलेट कंपनी पेटीएम की कैशबैक स्कीम में करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे हुए। बुधवार (18 जुलाई) को इससे जुड़ा खुलासा हुआ उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने किया। एसटीएफ ने इस संबंध में चार लोगों की गिरफ्तारियां भी की हैं। आरोपियों में पेटीएम कंपनी के कर्मचारी भी शामिल हैं।
दिखाए फर्जी ट्रांजैक्शंसः आरोप है कि ये चारों लोग डिजिटल रूप से करोड़ों रुपए के फर्जी लेन-देन दिखाकर उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले 10 फीसदी कैशबैक में बड़े स्तर पर घोटाला कर रहे थे। यूपी एसटीएफ ने इस मामले को लेकर जारी की गई विज्ञप्ति में कहा कि लखनऊ के महानगर और विकासनगर स्थित वैल्यू प्लस स्टोर के शोरूम में धांधली की जा रही थी। जानकारी पर कार्रवाई के रूप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इन धाराओं में मामला दर्जः आरोपियों की पहचान विनोद कुमार, विक्की अस्थाना, मोहम्मद फिरोज और अखिलेश कुमार के रूप में की गई है। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 471 व सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 66सी और 66डी के अंतर्गत साइबर अपराध थाना लखनऊ में मामला दर्ज कराया गया है।
पहले भी हुई थी धांधलीः साल 2016 में भी पेटीएम में धोखाधड़ी से जुड़ा मामला सामने आया था, तब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास उसकी शिकायत हुई थी। कंपनी का कहना था कि बीते दिनों तकरीबन 26 मामले सामने आए, जिनमें कंपनी के दस्तावेजों संग छेड़खानी की गई थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने उस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी। जांच रिपोर्ट उसके कुछ दिन बाद सीबीआई के हवाले की गई थी, जिस पर पड़ताल की गई।