Kathua Rape-Murder Case Verdict Updates: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय एक बच्ची से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के नृशंस मामले के सात आरोपियों में से छह को यहां एक अदालत ने सोमवार को दोषी ठहराया। अदालत ने इनमें से 3 दोषियों को उम्र कैद और अन्य 3 को पांच साल की सजा सुनाई है। जिन तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, उनका नाम सांजीराम, प्रवेश कुमार और दीपक खजूरिया है। वहीं, दो पुलिस अधिकारियों – उपनिरीक्षक आनंद दत्ता और हेड कॉन्स्टेबल तिलकराज- और एक विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है।

अदालत में मृतका के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले फारूकी खान ने बताया कि मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे एवं सातवें आरोपी विशाल को ‘‘संदेह का लाभ’’ देते हुए बरी कर दिया गया है। अदालत ने परिसर के बाहर एकत्र मीडिया की नजर से दूर यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया।

वकीलों ने बताया कि जिस जगह अपराध हुआ, उस मंदिर की देखभाल करने वाले सांजीराम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और आम नागरिक प्रवेश कुमार को रणबीर दंड संहिता की आपराधिक षड्यंत्र, हत्या, सामूहिक बलात्कार और सबूत नष्ट करने संबंधी धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। उन्होंने बताया कि दो पुलिस अधिकारियों – उपनिरीक्षक आनंद दत्ता और हेड कॉन्स्टेबल तिलकराज- और एक विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को सबूत नष्ट करने का दोषी करार दिया गया है।

मामले की अभियोजन टीम में जे के चोपड़ा, एस एस बसरा और हरमिंदर सिंह शामिल हैं। उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि वे फैसले का अध्ययन करेंगे और बरी किए गए सातवें आरोपी के खिलाफ अपील कर सकते हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘हमने हत्या एवं सामूहिक बलात्कार के तीन दोषियों के खिलाफ मृत्युदंड की मांग की है। हम सभी ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और यह जांच एवं कानूनी दिमाग के उचित समन्वय से हुआ। हमने 99 प्रतिशत परिणाम हासिल कर लिया।’’

जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने एक नाबालिग समेत आठ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। पिछले साल अप्रैल में दायर पंद्रह पृष्ठ के आरोपपत्र के अनुसार 10 जनवरी, 2018 को अगवा की गई आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले में एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उससे दुष्कर्म किया गया। उसे जान से मारने से पहले उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया। जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला एवं सत्र अदालत ने पिछले साल जून के पहले सप्ताह में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर किए जाने का आदेश दिया था।

शीर्ष अदालत ने यह आदेश उस समय दिया था जब देश को हिलाकर रख देने वाले इस मामले में कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को आरोपपत्र दाखिल करने से रोक दिया था। नाबालिग के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू होना है क्योंकि उसकी उम्र के निर्धारण संबंधी उसकी याचिका पर जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है।

Live Blog

18:15 (IST)10 Jun 2019
राष्ट्रीय महिला आयोग ने की फांसी की मांग

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उन्हें कठुआ रेप और हत्या मामले में दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की उम्मीद थी। जम्मू-कश्मीर सरकार को इसके लिए उच्च न्यायालय में अपील करनी चाहिए।

17:47 (IST)10 Jun 2019
आजीवन कारावास के साथ आर्थिक दंड भी

कठुआ में आठ वर्षीय एक लड़की से सामूहिक बलात्कार और हत्या के सनसनीखेज मामले में तीन मुख्य आरोपियों को सोमवार को एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।वकीलों ने बताया कि जिस मंदिर में अपराध हुआ था वहां की देखभाल करने वाले सांजी राम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया और एक अन्य आरोपी परवेश कुमार को रणबीर दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश, हत्या, अपहरण, सामूहिक बलात्कार, साक्ष्यों को नष्ट करना, पीड़िता को नशीला पदार्थ खिलाना और साझी मंशा के तहत अपराध को अंजाम देने का दोषी करार दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ हत्या के लिए प्रत्येक पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही सामूहिक बलात्कार के लिए 25 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई है।

17:13 (IST)10 Jun 2019
साक्ष्य नष्ट के दोषी को पांच साल की सजा

साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए पुलिस उपनिरीक्षक आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेन्दर वर्मा को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई।

16:58 (IST)10 Jun 2019
इन तीनों को मिली पांच साल की सजा

दो पुलिस अधिकारियों - उपनिरीक्षक आनंद दत्ता और हेड कॉन्स्टेबल तिलकराज- और एक विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। 

16:54 (IST)10 Jun 2019
इन्हें मिली उम्र कैद की सजा

जिन तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, उनका नाम सांजीराम, प्रवेश कुमार और दीपक खजुरिया है।

16:52 (IST)10 Jun 2019
छह में से 3 दोषियों को उम्र कैद, अन्य को 5 साल की सजा

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय एक बच्ची से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के नृशंस मामले के सात आरोपियों में से छह को यहां एक अदालत ने सोमवार को दोषी ठहराया। अदालत ने इनमें से 3 दोषियों को उम्र कैद और अन्य 3 को पांच साल की सजा सुनाई है।

16:01 (IST)10 Jun 2019
जम्मू-कश्मीर कठुआ प्रकरण

14 अप्रैल, 2018 : हिंदू एकता मंच की रैली में शरीक हुए भाजपा के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस अपराध को ‘‘खौफनाक’’ बताया और प्रशासन से शीघ्र न्याय के लिए कहा।
16 अप्रैल, 2018 : कठुआ में प्रधान सत्र अदालत के जज के समक्ष सुनवाई शुरू हुई । सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष कहा।
सात मई, 2018 : उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिये मामला कठुआ से पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित किया। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शीघ्रता से करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि सुनवाई मीडिया से दूर, बंद कमरे में हो।

15:53 (IST)10 Jun 2019
जम्मू-कश्मीर कठुआ प्रकरण

एक मार्च, 2018 : बच्ची के अपहरण और बलात्कार की घटना के संबंध में ‘देवीस्थान’ (मंदिर) के प्रभारी के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में दो मंत्री भाजपा के चंद्र प्रकाश गंगा और लाल सिंह ‘’हिंदू एकता मंच’ द्वारा आयोजित रैली में शामिल हुए।
नौ अप्रैल, 2018 : पुलिस ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ कठुआ अदालत में आरोपपत्र दायर किया।
10 अप्रैल, 2018 : आठवें आरोपी के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया जिसने नाबालिग होने का दावा किया था। पुलिस ने अपराध शाखा के अधिकारियों को नौ अप्रैल को आरोपपत्र दायर करने से रोकने की कोशिश करने और प्रदर्शन करने के आरोप में वकीलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की ।

15:47 (IST)10 Jun 2019
जम्मू कश्मीर कठुआ घटनाक्रम

जम्मू कश्मीर के कठुआ में खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या करने के आरोपी छह लोगों को यहां की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया। देश को झकझोर कर रख देने वाले इस मामले से जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार है :

10 जनवरी, 2018 : जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के रसाना गांव में बकरवाल जनजाति की आठ साल की बच्ची मवेशी चराते समय लापता हो गयी ।
12 जनवरी, 2018 : बच्ची के पिता की शिकायत पर हीरानगर पुलिस थाना में एक मामला दर्ज किया गया ।
17 जनवरी, 2018 : बच्ची का शव बरामद । पोस्टमॉर्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई ।
22 जनवरी, 2018 : मामला जम्मू कश्मीर अपराध शाखा को सौंपा गया।
16 फरवरी, 2018 : दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू एकता मंच’ ने एक आरोपी के समर्थन में प्रदर्शन किया।

15:24 (IST)10 Jun 2019
कठुआ कांड के गुनहगारों को मिले कठोरतम सजा: महिला आयोग

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से बलात्कार और उसकी बर्बर हत्या मामले में छह लोगों को दोषी ठहराने के पठानकोट अदालत के फैसले का स्वागत किया और उन्हें कठोरतम सजा देने का अनुरोध किया। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘‘मैं अदालत के फैसले का स्वागत करती हूं और उनसे कठोरतम सजा देने तथा अन्य लोगों के लिए उदाहरण तय करने का अनुरोध करती हूं क्योंकि नाबालिगों के खिलाफ मामले बढ़ रहे हैं और यह एक उदाहरण स्थापित करेगा।’’

15:15 (IST)10 Jun 2019
महबूबा मुफ्ती बोली- घिनौने अपराधों पर न हो राजनीति

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘ फैसले का स्वागत। घिनौने अपराधों पर राजनीति बंद करने का समय आ गया है, जहां आठ वर्षीय बच्ची को नशीले पदार्थ देकर उसके साथ बार-बारर बलात्कार किया गया और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। उम्मीद है कि न्यायिक व्यवस्था में खामियों का फायदा नहीं उठाया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।’’ नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल ने भी फैसले का स्वागत करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की सराहना की।

15:13 (IST)10 Jun 2019
उमर अब्दुला ने फैसले का किया स्वागत

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने कठुआ बालात्कार एवं हत्या मामले में अदालत के फैसले का सोमवार को स्वागत किया। अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘ आमीन... दोषी कानून के तहत सबसे कठोर सजा के हकदार हैं... और उन राजनीतिक नेताओं जिन्होंने आरोपियों का बचाव किया, मृतका का अपमान किया और कानून व्यवस्था को खतरा पहुंचाया, उनकी निंदा के लिए पर्याप्त शब्द नहीं है।’’

14:59 (IST)10 Jun 2019
रोजाना शुरू हुई थी सुनवाई

जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला एवं सत्र अदालत ने पिछले साल जून के पहले सप्ताह में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर किए जाने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने यह आदेश उस समय दिया था जब देश को हिलाकर रख देने वाले इस मामले में कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को आरोपपत्र दाखिल करने से रोक दिया था।

14:39 (IST)10 Jun 2019
इन धाराओं के तहत ठहराया गया दोषी

वकीलों ने बताया कि जिस जगह अपराध हुआ, उस मंदिर की देखभाल करने वाले सांजीराम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और आम नागरिक प्रवेश कुमार को रणबीर दंड संहिता की आपराधिक षड्यंत्र, हत्या, सामूहिक बलात्कार और सबूत नष्ट करने संबंधी धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। उन्होंने बताया कि दो पुलिस अधिकारियों - उपनिरीक्षक आनंद दत्ता और हेड कॉन्स्टेबल तिलकराज- और एक विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को सबूत नष्ट करने का दोषी करार दिया गया है।

14:23 (IST)10 Jun 2019
सांजीराम के बेटे को मिला संदेह का लाभ

अदालत में मृतका के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले फारूकी खान ने बताया कि मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे एवं सातवें आरोपी विशाल को ‘‘संदेह का लाभ’’ देते हुए बरी कर दिया गया। अदालत ने परिसर के बाहर एकत्र मीडिया की नजर से दूर यह बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया।

13:47 (IST)10 Jun 2019
दोषियों को हो सकती है फांसी

बच्ची का शव पिछले साल 17 जनवरी को मिला था और पोस्टमार्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई थी। अभियोजन के अनुसार अदालत ने धाराओं 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 302 (हत्या) और 376-डी (सामूहिक बलात्कार) समेत रणबीर दंड संहिता के तहत आरोप तय किए थे। आरोपियों को न्यूनतम आजीवन कारावास और अधिकतम मृत्युदंड की सजा हो सकती है।

13:42 (IST)10 Jun 2019
सबूत नष्ट करने का आरोपी भी दोषी करार

जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला एवं सत्र अदालत ने पिछले साल जून के पहले सप्ताह में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर करने का आदेश दिया था। जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है, उनमें गांव का मुखिया सांजीराम और दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया तथा सुरेंद्र वर्मा शामिल हैं। मामले में हेड कांस्टेबल तिलकराज और उप निरीक्षक आनंद दत्ता को भी दोषी ठहराया गया है जिन पर सांजीराम से चार लाख रुपये लेने और अहम सबूत नष्ट करने का आरोप था।

13:28 (IST)10 Jun 2019
बंधक बना किया गया था दुष्कर्म

उच्चतम न्यायालय ने मामले को सात मई 2018 को कठुआ से पंजाब के पठानकोट में स्थानांतरित कर दिया था। मामले की बंद कमरे में हुई सुनवाई तीन जून को पूरी हुई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। पंद्रह पृष्ठों के आरोपपत्र के अनुसार, पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की मासूम बच्ची को कठुआ जिले में एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उससे दुष्कर्म किया गया। उसे जान से मारने से पहले उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया।

13:23 (IST)10 Jun 2019
कठुआ बलात्कार मामले में छह दोषी करार

जम्मू कश्मीर के कठुआ में खानाबदोश समुदाय की आठ वर्षीय एक बच्ची से बलात्कार और फिर उसकी हत्या के मामले में यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को छह लोगों को दोषी करार दिया। मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे एवं सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है। सजा कुछ देर बाद सुनायी जाएगी। पीड़िता के परिवार के वकील फारुकी खान ने कहा, ‘‘अदालत ने छह लोगों को दोषी करार दिया है। एक आरोपी, सांजीराम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है।’’