पठानकोट आतंकी हमला मामले में जांच करने आया पाकिस्तान का संयुक्त जांच दल (जेआइटी) गुरुवार से मामले में गवाहों के बयान दर्ज करना शुरू करेगा। इन गवाहों में पंजाब के पुलिस अधीक्षक स्तर का एक अधिकारी भी शामिल है। उधर, जेआइटी से बातचीत करने वाली भारतीय जांच एजंसी एनआइए के अधिकारियों ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई की आवाज के नमूने मांगे हैं। इस संगठन के एक ट्रस्ट का ब्योरा भी मांगा गया है। मसूद को हमलों का प्रमुख साजिशकर्ता माना जाता है।

पाकिस्तान से आए आतंकवाद निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद ताहिर राय की अगुआई वाली पाक जेआइटी को बुधवार को एनआइए ने दिनभर चली बातचीत के दौरान 300 सवालों की सूची सौंपी। एनआइए प्रमुख शरद कुमार ने बैठक के बाद कहा कि हमने जैश आतंकी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ और खय्याम बाबर की आवाज के नमूने मांगे है। खय्याम बाबर पठानकोट हमलों के दौरान मारे गए आतंकी नासिर की मां है। बताया जाता है कि नासिर ने हमले के दौरान अपनी मां से बात की थी।

एनआइए ने अजहर और रऊफ को पेश कराने की मांग की और जेआइटी से कहा कि जब तक भारत का अनुरोध इस्लामाबाद में अधिकारियों के पास लंबित है, तब तक वह चाहेगी कि पाक जेआइटी पठानकोट एअरबेस पर हमले में उनकी भूमिका के बारे में उनसे सवाल पूछे और उनके बयान भारतीय एजंसी को सौंप दिए जाएं।

जेआइटी पठानकोट हमले के मामले में जांच के लिए इसी हफ्ते यहां पहुंची है। उसने गवाहों के बयान दर्ज करने की मांग की है जिसमें पंजाब पुलिस के अधिकारी सलविंदर सिंह, उनके एक दोस्त, रसोइया मदन गोपाल आदि शामिल हैं। गवाहों में वे अधिकारी भी शामिल हैं जिन्होंने पहले जांच की। एनआइए प्रमुख ने कहा कि हमने गुरुवार से सभी गवाहों से पूछताछ का कार्यक्रम तय किया है। पाक जेआइटी अगले दो दिन तक उनके बयान दर्ज कर सकती है। पाकिस्तानी दल को दो अप्रैल को लौटना है।

एनआइए ने जेआइटी को गवाहों के बयान सौंपे हैं जिनमें पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर शामिल हैं। इनमें एसपी सलविंदर सिंह और उनके सर्राफ कारोबारी दोस्त राजेश वर्मा के कॉल रिकॉर्ड शामिल हैं जिनके फोन आतंकवादियों ने छीन लिए थे। उन्होंने कहा कि हमने सभी चार आतंकवादियों की पहचान की है और पाकिस्तानी पक्ष को नाम सौंप दिए। उन्होंने कहा- पाकिस्तानी पक्ष ने एनआइए दल को सूचित किया कि जैश का एक साथी काशिफ जान मामले में उसका नाम सामने आने के बाद से लापता है। पाकिस्तान पुलिस उसकी तलाश कर रही है। उसके सीमा तक आतंकियों के साथ आने की बात मानी जाती है।

कुमार ने बताया कि एनआइए ने एक और जैश आतंकवादी शाहिद लतीफ की पहचान आतंकवादियों के साथी के तौर पर की है और उससे पूछताछ की मांग की है। आतंकी संगठन के अल रहमत ट्रस्ट के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। आतंकी हमले के बाद अब्दुल रऊफ का संदेश प्रसारित करने वाली दो वेबसाइटों का ब्योरा भी जेआइटी के साथ साझा किया गया। दोनों वेबसाइटें इंटरनेट से गायब हैं। भारत चाहता है कि पाकिस्तान मामले की जांच करे। जेआइटी के प्रतिनिधियों ने कहा कि मामले में कुछ संदिग्धों को पाकिस्तान में हिरासत में लिया गया है और उन्होंने एनआइए के साथ ब्योरा साझा किया है।