‘निकट भविष्य’ में विदेश सचिव स्तर की बातचीत के लिए गुरुवार को सहमत हुए भारत और पाकिस्तान इसी माह वार्ता कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच बातचीत शुक्रवार को होनी थी, लेकिन पठानकोट हमले के बाद बदले माहौलमें दोनों देशों ने वार्ता मुल्तवी करने का फैसला रजामंदी से किया। आगामी बातचीत 20 जनवरी के बाद हो सकती है।
सूत्रों ने ईएनएस को बताया कि इस बातचीत को और आगे टालने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इसके दूरगामी फायदे हो सकते हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि विदेश सचिव जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद के बीच गुरुवार को फोन पर हुई बातचीत के दौरान यह सहमति बनी कि बातचीत होनी चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पेरिस से लौटने के बाद जयशंकर ने चौधरी से फोन पर बातचीत की थी। जयशंकर ने इस बातचीत के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी थी।
जेआइटी ने डीएनए, फिंगर प्रिंट की मांग की: पठानकोट हमले की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल (जेआइटी) ने जांच तेज करने की इच्छा जताते हुए भारत से मारे गए आतंकवादियों की डीएनए रिपोर्ट और फिंगर प्रिंट की मांग की। पंजाब आतंकवाद निरोधक विभाग के आइजी राय ताहिर की अध्यक्षता वाली टीम ने इस्लामाबाद में बैठक कर घटना की जांच की प्रगति पर चर्चा की। एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में अभी तक गिरफ्तार कई संदिग्धों से पूछताछ में मिली जानकारी पर चर्चा हुई।
अधिकारी के मुताबिक टीम ने जांच में तेजी लाने का निर्णय किया जिसकी प्रगति स्पष्ट रूप से दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि टीम ने मारे गए आतंकवादियों की डीएनए रिपोर्ट और फिंगरप्रिंट की जानकारी लेने का निर्णय किया। टीम ने भारत से यह भी सूचना मांगने का निर्णय किया कि आतंकवादी देश में कैसे घुसे, कहां ठहरे और क्या वहां कोई अंदरूनी संपर्क था। संभावना है कि टीम आतंकवादी हमले की जांच के लिए भारत का दौरा करे। भारत की तरफ से सूचना मुहैया कराए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जेआइटी का गठन किया था।