नई दिल्ली। शपथग्रहण समारोह में शिवसेना की अनुपस्थिति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार किया जिसमें गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर और तीन अन्य ने कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में शपथ ली। मंत्रिपरिषद के विस्तार में 21 नए चेहरों को स्थान दिया गया।

राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में वाजपेयी सरकार में बिजली मंत्री रहे और पूर्व शिवसैनिक सुरेश प्रभु, भाजपा के वरिष्ठ नेता जे पी नड्डा और हरियाणा के जाट नेता विरेन्द्र सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। विरेन्द्र सिंह हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए।

शिवसेना और भाजपा के बीच महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर गतिरोध नहीं सुलझने के कारण शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने शपथ नहीं ली। खबरों के अनुसार वह सुबह यहां आने के बाद हवाईअड्डे से ही मुम्बई वापस लौट गए।

मंत्रिपरिषद के विस्तार में बंडारू दत्तात्रेय और राजीव प्रताप रूडी को राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: के रूप में शामिल किया गया है जो वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे थे। दिल्ली से लगे गौतमबुद्ध नगर से सांसद महेश शर्मा को भी राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: के रूप में शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन््रद मोदी ने मंत्रिपरिषद के इस पहले विस्तार में 14 राज्य मंत्रियों को शामिल किया। इनमें मुख्तार अब्बास नकवी, रामकृपाल यादव, हरिभाई पारथीभाई चौधरी, सांवर लाल जाट, मोहनभाई कल्याणजीभाई कुंडारिया, गिरिराज सिंह, हंसराज गंगाराम अहिर, प्रो. रामशंकर कठेरिया, जयंत सिन्हा, राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, बाबुल सुप्रियो, साध्वी निरंजन ज्योति, विजय सांपला :सभी भाजपा से: और वाई एस चाौधरी :तेदेपा: शामिल हैं।
मई में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन््रद मोदी ने पहली बार मंत्रिमंडल का विस्तार किया है और इसमें गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है। वित्त मंत्री अरूण जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है।

इस विस्तार के साथ मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 45 से बढ़कर 66 हो गई है जिसमें प्रधानमंत्री समेत 27 कैबिनेट स्तर के मंत्री, 13 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 26 राज्य स्तर के मंत्री शामिल हैं।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन , राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के सहयोगी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में वसुंधरा राजे, रमण सिंह, मनोहर लाल खट्टर के अलावा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी से समारोह में कोई शामिल नहीं हुआ।
शपथग्रहण समारोह में जाने से पहले नये मंत्रियों ने चायपान पर प्रधानमंत्री के सात रेसकोर्स स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की।

आईआईटी स्नातक 58 वर्षीय पर्रिकर का मोदी के साथ अच्छा तालमेल है और वह अपनी ईमानदारी और प्रशासनिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं।

सुरेश प्रभु की ख्याति एक कुशल प्रशासक के रूप में है और वाजपेयी सरकार में बिजली मंत्री के रूप में वह सुधारों के लिए जाने गए। लेकिन तब शिवसेना ने उन्हें अचानक मंत्रिपरिषद से वापस ले लिया। इसके बाद से ही वह शिवसेना में सक्रिय नहीं रहे।

मंत्रिपरिषद में दत्तात्रेय को शामिल कर नवगठित तेलंगाना राज्य को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। राजीव प्रताप रूडी के लिए यह सरकार में वापसी है। इससे पहले वह वाजपेयी सरकार में मंत्री थे। पहली बार सांसद बने महेश शर्मा के चयन को आश्चर्य के रूप में देखा जा रहा है जिन्हें राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: बनाया गया जबकि मुख्तार अब्बास नकवी को महज राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया।

बिहार से राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रामकृपाल यादव को राज्य मंत्री के रूप शामिल किया गया है।