Manipur Violence: मणिपुर में पिछले तीन महीने से हिंसा जारी है। सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 50 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रहने को मजबूर हैं। 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई जिसमें कुकी समुदाय की तीन महिलाओं को भीड़ ने निर्वस्त्र कर सड़क पर परेड कराई। एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया। इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है। विपक्षी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है। पुलिस इस मामले में मुख्य आरोपी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

संसद में जारी है हंगामा

20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में लगातार हंगामा जारी है। विपक्ष इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसद के दोनों सदनों में बयान की मांग पर अड़ा है। पिछले चार दिन से संसद की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। विपक्ष ने मणिपुर में जारी हिंसा और प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े किए। विपक्ष राज्यसभा में 267 नियम के तहत मणिपुर हिंसा पर चर्चा चाहता है तो वहीं सरकार 176 नियम के तहत चर्चा करने को तैयार है। हंगामे के बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। चलिए जानते हैं क्या है 267 और 176 नियम जिससे चलते विपक्ष और सरकार के बीच में तनातनी जारी है।

267 बनाम 176 नियम?

विपक्ष की सभी पार्टियों ने एकजुट होकर राज्यसभा के सभापति से 267 नियम के तहत मणिपुर में चल रही हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की है। इस नियम के तहत दिनभर के सूचीबद्ध एजेंडे को रोक कर सार्वजनिक महत्व के जरुरी मुद्दों पर चर्चा शुरू की जाती है। विपक्ष 267 के तहत मणिपुर हिंसा पर लंबी चर्चा की मांग कर रही है और इस नियम के अनुसार चर्चा के बाद वोटिंग का भी प्रावधान है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री से दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर सरकार का पक्ष रखने की मांग की है। सरकार मणिपुर हिंसा में सदन में बहस करने को तैयार है लेकिन सरकार का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मणिपुर में चल रही हिंसा पर सरकार का पक्ष रखेंगे।

दूसरी तरफ सरकार इस मामले में 176 नियम के तहत राज्यसभा में छोटी चर्चा करना चाहती है। इस नियम के तहत किसी भी विषय पर अधिकतम 150 मिनट तक चर्चा की जा सकती हैं और वोटिंग का प्रावधान नहीं है। सरकार ने मणिपुर के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं पर हो रही हिंसा पर चर्चा करना चाहती है। वहीं विपक्षी पार्टियां सिर्फ मणिपुर में चल रही हिंसा पर चर्चा चाहते हैं। आपको बता दें कि 1990 के बाद 267 रूल के तहत सदन में सिर्फ 11 बार चर्चा हुई है। 267 नियम के तहत आखिरी चर्चा साल 2016 में नोटबंदी पर हुई थी। वहीं विपक्ष ने लोकसभा में 193 नियम के तहत चर्चा की अनुमति मांगी है जिसके लिए सरकार तैयार है।