लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने राजधानी नई दिल्ली सहित कई प्रमुख शहरों के वायु प्रदूषण की चपेट में आने का विषय उठाया और कहा कि सरकार को संसद में विस्तृत चर्चा कराने के साथ इस समस्या से निपटने के लिए एक योजना सामने रखनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह किसी तरह का विरोध करने नहीं, बल्कि सरकार का सहयोग करने आए हैं।
राहुल गांधी ने केंद्र से पूछा कि आने वाले 45 वर्षों के लिए सरकार का रोडमैप क्या है। उन्होंने कहा कि क्या केंद्र सरकार इस योजना को संसद के पटल पर प्रस्तुत कर सकती है? उन्होंने कहा कि हमारे अधिकांश शहर इस समय जहरीली हवा की चपेट में आ चुके हैं। लाखों बच्चों के फेफड़े कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। उनका भविष्य खतरे में है। लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं और बुजुर्गों को सांस लेने में भारी तकलीफ हो रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि यह बेहद जरूरी मुद्दा है और उन्हें पूरा विश्वास है कि केंद्र सरकार भी इस पर सहमति जताएगी। यह कोई वैचारिक मुद्दा नहीं है। सदन के सभी सदस्य इस बात से जरूर सहमत होंगे कि वायु प्रदूषण लोगों के लिए नुकसानदेह है और इससे निपटने के लिए सभी को साथ मिलकर कदम उठाने होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस समाधान निकालना बेहद जरूरी है। एक-दूसरे पर आरोप लगाने से कोई समाधान नहीं निकलने वाला। सरकार और विपक्ष मिलकर इस पर विस्तृत चर्चा कर सकते हैं।
राहुल गांधी के प्रस्ताव पर संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पूरी तरह तैयार है और लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी इसके लिए समय आवंटित कर सकती है। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि सरकार शुरू से ही विपक्ष के सुझावों को साथ लेकर सभी जरूरी मुद्दों पर चर्चा और समाधान निकालना चाहती है।
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