Parliament Session 2023: संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज (18 सितंबर) से शुरू हो चुका है और 22 सितंबर को समाप्त होगा। संसद के विशेष सत्र के दौरान, लगभग आठ विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सत्र में संसद की 75 साल की यात्रा पर भी चर्चा हो रही है। मंगलवार को पहली बार सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी। विशेष सत्र की घोषणा राजनीतिक हलकों में एक आश्चर्य के रूप में सामने आई, क्योंकि पार्टियां इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही हैं। विपक्षी दलों ने एजेंडे का खुलासा किए बिना संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान क्या चर्चा होगी. गोहिल ने कहा, “हमारी संसदीय परंपरा और प्रक्रिया में कहा गया है कि सदस्यों को विधेयक का मसौदा और सरकारी कामकाज दिखाया जाना चाहिए…जब कोई विशेष सत्र बुलाया जा रहा हो तो सदस्यों को कामकाज के बारे में पहले से बताया जाना चाहिए…यह यह पहली बार है कि इस सत्र में कोई प्रश्नकाल या शून्यकाल नहीं होगा…”।
संसद के विशेष सत्र में संसदीय कार्यवाही पुराने से नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगी। रविवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। धनखड़ ने नए संसद भवन के “गज द्वार” के ऊपर झंडा फहराया।
पहले सूचीबद्ध विधेयकों में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है। यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था और विपक्ष ने इसका विरोध किया था, क्योंकि इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों को कैबिनेट सचिव के बराबर रखने की मांग की गई है न कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर। इसे उनके कद में गिरावट के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि किसी भी संभावित नए कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन भाजपा समेत अन्य लोगों की राय है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए कोटा सुनिश्चित करने के लिए एक विधेयक लाया जाएगा।
पीएम मोदी ने हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन सहित अक्सर इस बात पर प्रकाश डाला है कि देश में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका ने इस तरह के विधेयक के बारे में चर्चा बढ़ा दी है। पांच दिवसीय सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने की विभिन्न दलों की मांग पर सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर, प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार उचित समय पर उचित निर्णय लेगी।
मंगलवार को होगा ग्रुप फोटो
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, यह समारोह भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद करेगा और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेगा। सरकार का विधायी कामकाज 20 सितंबर से नए भवन में शुरू होगा। मंगलवार सुबह लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, सभी सांसदों को मंगलवार सुबह 9.30 बजे ग्रुप फोटो के लिए बुलाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि ग्रुप फोटो के लिए पुरानी इमारत के आंतरिक प्रांगण में व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन में प्रवेश के लिए सांसदों को नए पहचान पत्र भी जारी किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कैटरिंग भी 19 सितंबर को नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगी।
सरकार की ओर से मंत्रियों को निर्देश-
सरकार की ओर से सभी कैबिनेट मंत्रियों, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्यमंत्रियों को विशेष सत्र के पांचों दिन सदन की पूरी कार्यवाही के दौरान पूरे समय मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। आदेश के मुताबिक, लोकसभा सांसद जो मंत्री हैं उनको लोकसभा और राज्यसभा से सांसद मंत्रियों को पूरी कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में मौजूद रहने का निर्देश मिला है। अमूमन दोनों में सदनों में एक-एक मंत्री की कार्यवाही के दौरान रोस्टर ड्यूटी लगती है।
रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक
संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, डीएमके नेता वाइको, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता वी शिवदासन सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने पहुंचे। रविवार को कई सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने सोमवार से शुरू होने वाले पांच दिवसीय संसद सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की जोरदार वकालत की।
संजय सिंह और राघव को बहाल करने की मांग
विपक्ष की पार्टियों आप सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा को बहाल करने की मांग की। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव न करने का भी मुद्दा उठाया। इसके अलावा महिला आरक्षण, जाति जनगणना, अडानी मामला, CAG रिर्पोट, मणिपुर, मेवात सहित तमाम मुद्दों पर सदन में चर्चा की मांग की गई। संसद के विशेष सत्र से पहले रविवार शाम सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई नेताओं ने कहा कि लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया जाना चाहिए।
कैसी है नई संसद?
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। 28 मई 2023 को इसका उद्घाटन हुआ। यह 29 महीने में बनकर तैयार हो गया। नए संसद भवन को त्रिकोणीय आकार में तैयार किया गया है। यह 64,500 वर्गमीटर में बना हुआ है। नई संसद भवन को बनाने में 862 करोड़ रुपये खर्च हुआ। पुराने संसद भवन में लोकसभा में 545 और राज्यसभा में 245 सांसदों के बैठने की जगह है, जबकि, नए संसद भवन में लोकसभा चैम्बर में 888 सांसद बैठ सकते हैं। संयुक्त संसद सत्र की स्थिति में 1,272 सांसद बैठ सकेंगे, जबकि, राज्यसभा चैम्बर में 384 सांसद आसानी से बैठ सकते हैं। नई संसद में लोकसभा चैंबर को राष्ट्रीय पक्षी मोर और राज्यसभा चैंबर को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर बनाया गया है। जिसमें राष्ट्रीयता की झलक दिखाई गई है।
कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान क्या चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने आज शाम 6.30 बजे कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। जिसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लग सकती है।
Parliament Special Session: ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करेगी, और "इसे निश्चित रूप से लाया जाना चाहिए"।
Parliament Special Session: आज से शुरू हुए संसद के विशेष सत्र में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भारत को "भ्रष्टाचार मुक्त और विकसित राष्ट्र" बनाने का आह्वान किया। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में सदन के विभिन्न सदस्यों के योगदान को भी याद किया। गोयल ने सभी से देश में महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
महिला आरक्षण बिल की मांग को लेकर बीआरएस सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया है।
अटल बिहारी ने अपने कार्यकाल में 21 बार बयान दिया था। वहीं मनमोहन सिंह ने भी 30 बार बयान दिया। मौजूदा प्रधानमंत्री ने पिछले 9 सालों में परंपरागत (customary) बयानों को छोड़कर सिर्फ 2 बार बयान दिया, ये democracy है ? सभापति जी इसको कैसे सुधारते हैं मैं आप पर ही छोड़ देता हूं। खड़गे ने राज्यसभा में मणिपुर का एक बार फिर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पीएम इधर-उधर जा रहे हैं, लेकिन वह मणिपुर नहीं गए।
ये स्पेशल सत्र है या आम सत्र इसकी कोई जानकारी नहीं। मीडिया से पता चलता है कि स्पेशल सत्र है। अधीर रंजन ने कहा कि सदन में सवाल नहीं पूछने देते हैं। जिंदगी बड़ी होनी चाहिए... लंबी नहीं।
राजीव गांधी ने देश को नई दिशा दी। पंचायतीराज ने लोकतंत्र को मजबूत किया। सूचना का अधिकार ऐतिहासिक फैसला है। पोखरण के समय विदेशी ताकतों ने हमें रोकने की बहुत कोशिशें की लेकिन हम रूके नहीं। अटल जी ने पूरी दुनिया को एक संदेश दिया। उस परमाणु परीक्षण के बाद हम पर प्रतिबंध लगाए थे, उसको हटाने का काम किया हमारे मनमोहन सिंह जी ने। मनमोहन सिंह मौन नहीं रहते बल्कि बात कम और काम ज्यादा करते हैं। जब जी- 20 सम्मेलन हुआ तो उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के लिए अच्छा है।
Parliament Session: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारे नड्डा साहब हमें छोटा करने के लिए INDI बोलते हैं, नाम बदलने से कुछ नही होता हम हैं INDIA....हमें बार-बार टोका जाता है कि 70 साल में क्या किया आपने, हमने 70 साल में इस देश के लोकतंत्र को मजबूत किया।
Parliament Session: आज का दिन भावुक करने वाला है...जिंदगी में कई दोस्त आए, कई गए.. इसी तरह सदन की कार्यवाही भी चल रही है जो चलती रहेगी.. मैं शुरू में ये कहना चाहता हूं कि जब सदन में संविधान की चर्चा हो, आंबेडकर की चर्चा होती है. आज अच्छा लगेगा कि आज हमें भी नेहरू जी की बात रखने का अवसर मिलेगा।
Parliament Session: पीएम मोदी ने कहा कि यह वहीं सदन है जहां 4 सांसद वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसद वाली विपक्ष में होती थी..... हम यहां से एक नए उत्साह और उमंग के साथ विदा लेने वाले हैं। इन दीवारों से हमने जो प्रेरणा पाई है, जो विश्वास पाया है उसको लेकर जाने का है। नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन में जब नई संसद में जाएंगे तो नए विश्वास के साथ जाएंगे। मैं सभी सदस्यों से आग्रह करूंगा कि आप अपनी मधुर यादों को यहां रखें ताकि वो भाव लोगों तक पहुंचे।
Parliament Session: ये वो सदन है जहां कभी भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने अपनी वीरता सामर्थ्य को बम का धमाका करके अंग्रेज सल्तनत को जगा दिया था। सरकारें आएंगी जाएगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन ये देश बना रहना चाहिए। पंडित नेहरू की जो आरम्भिक कैबिनेट थी उसमें बाबा साहेब बहुत योगदान दिया करते थे। बाबा साहेब ने देश को नेहरू जी की सरकार में देश को वाटर पॉलिसी दी थी। आंबडेकर जी एक बात कहते थे कि देश का औद्योगिकरण होना चाहिए, क्योंकि उससे देश के दलितों का भला होगा। श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इस देश में पहली इंडस्ट्री पालिसी दी। शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौंसला इसी सदन से बढ़ाया था। बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन इदिरा गांधी के नेतृत्व में इसी सदन ने देखा था।
लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पुरानी संसद में सदस्यों का आज आखिरी दिन है। ऐसे मौके पर भावुक होना स्वाभाविक है। संसद के निर्माण से लेकर अब तक कई लोगों का इसमें सहयोग रहा है।
Parliament Session: ऐसे पत्रकार जिन्होंने संसद को कवर किया, शायद उनके नाम जाने नहीं जाते होंगे लेकिन उनको कोई भूल नहीं सकता है। सिर्फ खबरों के लिए ही नहीं, भारत की इस विकास यात्रा को संसद भवन से समझने के लिए उन्होंने अपनी शक्ति खपा दी। आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं, तब मैं उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं, जिन्होंने पूरा जीवन संसद के काम को रिपोर्ट करने में लगा दिया। एक प्रकार से वे जीवंत साक्षी रहे हैं। उन्होंने पल-पल की जानकारी देश तक पहुंचाईं।
Parliament Session: आतंकियों से लड़ते-लड़ते सदन और सदन के सदस्यों को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनको भी नमन करता हूं। वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने बहुत बड़ी रक्षा की है। पीएम मोदी ने कहा कि एक प्रकार से जैसी ताकत यहां की दीवारों की रही है, वैसा ही दर्पण उनकी कलम में रहा है और उस कलम ने देश के अंदर संसद के प्रति, संसद के सदस्यों के प्रति एक अहोभाव जगाया है।
Parliament Session: जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया, तो सहज रूप से मैंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था। वो पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। प्रारंभ में यहां महिलाओं की संख्या कम थी। लेकिन धीरे-धीरे माताओं, बहनों ने भी इस सदन की गरिमा को बढ़ाया है। करीब-करीब 7,500 से अधिक जनप्रतिनिधि अबतक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है।
Parliament Session: हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत 'विश्व मित्र' के रूप में अपनी जगह बना पाया है। आज पूरा विश्व, भारत में अपना मित्र खोज रहा है, भारत की मित्रता का अनुभव कर रहा है। इस सदन से विदाई लेना बहुत ही भावुक पल है। हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन बहुत सारी भावनाओं और अनेक यादों से भरा हुआ है। मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था, लेकिन ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है और भारत के सामान्य मानवी की लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा पार्लियामेंट में पहुंच गया।
Parliament Session: चंद्रयान-3 की सफलता से आज पूरा देश अभिभूत है। इसमें भारत के सामर्थ्य का एक नया रूप जो आधुनिकता, विज्ञान, technology, हमारे वैज्ञानिकों और जो 140 करोड़ देशवासियों के संकल्प की शक्ति से जुड़ा हुआ है। वो देश और दुनिया पर नया प्रभाव पैदा करने वाला है। G20 की सफलता किसी व्यक्ति या दल की नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है। भारत इस बात के लिए गर्व करेगा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन G20 का स्थाई सदस्य बना।
हम भले ही नए भवन में जाएंगे, लेकिन ये पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। अमृतकाल की प्रथम प्रभा का प्रकाश, राष्ट्र में एक नया विश्वास, नया आत्मविश्वास, नई उमंग, नए सपनें, नए संकल्प और राष्ट्र का नया सामर्थ्य उसे भर रहा है। आज चारों तरफ भारतवासियों की उपलब्धि की चर्चा गौरव के साथ हो रही है।
Parliament Live Updates: देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले, उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है। ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन ये बात हम कभी नहीं भूल सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में परिश्रम, पसीना और पैसा मेरे देशवासियों के लगा था। 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन के सभी सदस्यों ने उसमें सक्रियता से योगदान दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद इस भवन को नई संसद भवन की पहचान मिली। हम ऐतिहासिक भवन से हम विदा ले रहा हैं।
विशेष सत्र की घोषणा राजनीतिक हलकों में एक आश्चर्य के रूप में सामने आई, क्योंकि पार्टियां इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही हैं।