लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा की जा रही है। सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अनुराग ठाकुर ने सरकार का पक्ष रखा था। वहीं, दूसरी ओर विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा था। गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले तीन आतंकवादी ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर भी निशाना साधा जिस पर
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कल गोगोई जी ने कहा कि मोदी जी 24 अप्रैल को पहलगाम की बजाय बिहार गए थे। पहलगाम हमले के समय मोदी जी विदेश में थे। जिस दिन मोदी जी बिहार गए, उस दिन पहलगाम में सिर्फ़ राहुल गांधी थे और कोई नहीं अगर देश के नागरिकों पर ऐसा हमला होता है तो प्रधानमंत्री का कर्तव्य है कि वे इसका करारा जवाब दें।”
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गोगोई ने कहा कि मोदी जी के पाकिस्तान बिरयानी खाने जाने से पहले मैं पाकिस्तान गया था
इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “मोदी जी के पाकिस्तान बिरयानी खाने जाने से पहले मैं पाकिस्तान गया था। मुझे नहीं पता कि उन्होंने (अमित शाह) यह बात क्यों उठाई। शायद अमित शाह जी बेहतर स्थिति में होते और बताते कि बीसीसीआई भारत-पाकिस्तान मैच पर ज़ोर क्यों दे रहा है। उन्हें इस बात की ज़्यादा जानकारी होती कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच क्यों हो रहे हैं। आज मौजूदा सरकार की नाकामियों को स्वीकार करने का समय था।”
गोगोई ने आगे कहा, “इसके बजाय, वे अतीत में चले गए और अमित शाह जी अपनी नाकामियों को भारतीय सशस्त्र बलों के पराक्रम और देशभक्ति के पीछे छिपाना चाहते थे। गृह मंत्री को ज़िम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए थी और नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए थी। उन्हें पहलगाम की नाकामियों के लिए ‘राजधर्म’ के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए था।”
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिक साहस दिखाया- गौरव गोगोई
गौरव गोगोई ने यह भी कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने डेढ़ घंटे के भाषण में गृहमंत्री अमित शाह ने पहलगाम में हुए अत्यंत दुखद हमले के संबंध में अपनी नैतिक जिम्मेदारी और अपने विभाग की विफलता के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिक साहस दिखाया क्योंकि उन्होंने स्वीकार किया कि पहलगाम में सुरक्षा विफलता थी। पहलगाम पंडित नेहरू, यूपीए, राहुल गांधी, राजीव गांधी के कारण नहीं हुआ, यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विफलता के कारण हुआ।” पढ़ें- PoK को लेकर नेहरू पर अमित शाह के 5 सबसे बड़े वार