18वीं लोकसभा का सत्र सोमवार यानी 24 जून से शुरू हो रहा है। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 279 सांसद शपथ लेंगे। वहीं 25 जून यानी दूसरे दिन 264 सांसद शपथ लेंगे। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ लेंगे। सभी नए संसद सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब शपथ दिलाएंगे। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में हंगामे के पूरे आसार नजर आ रहे हैं।

प्रोटेम स्पीकर को राष्ट्रपति ने किया है नियुक्त

प्रोटेम स्पीकर को राष्ट्रपति ने स्पीकर के चुनाव तक सदन की कार्यवाही चलाने के लिए नियुक्त किया गया है। इसके अलावा राष्ट्रपति ने लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए कांग्रेस के के. सुरेश, डीएमके के टीआर बालू, बीजेपी के राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को नियुक्त किया है।

कांग्रेस को मिलेगी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी

10 साल बाद कांग्रेस पार्टी को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिलेगी। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुल लोकसभा की 10% सीटें नहीं मिली थी और इस कारण उसे नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला था। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के महज 44 सांसद जीत कर आए थे और मल्लिकार्जुन खड़गे को संसदीय दल का नेता बनाया गया था। लेकिन उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला था।

वहीं 17वीं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के 52 सदस्य चुनकर आए और अधीर रंजन चौधरी को नेता चुना गया। सदन के नेता प्रधानमंत्री होते हैं जबकि उन्हीं के बराबर का दर्जा नेता प्रतिपक्ष को मिलता है। नेता प्रतिपक्ष सरकार के प्रमुख विभागों को नियुक्ति करने वाली कमेटी में भी शामिल होते हैं।

इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

18वीं लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तकरार होने वाली है। इस बार विपक्ष मजबूत है। टकराव प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति से ही शुरू हो गया। कांग्रेस के के. सुरेश आठ बार सांसद चुने गए हैं जबकि भर्तृहरि महताब केवल सात बार सांसद चुने गए हैं। इसके बावजूद राष्ट्रपति ने महताब को निर्वाचित किया। तर्क दिया गया है कि महताब लगातार सात बार सांसद चुने गए हैं जबकि के. सुरेश लगातार आठ बार सांसद नहीं चुने गए हैं।

वहीं संसद में एनडीए की पहली परीक्षा होगी कि वह नीट यूजी पेपर लीक के आरोपों पर विपक्ष को जवाब दे। विपक्ष सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहा है और सदन में भी घेरेगा। नीट के अलावा यूजीसी नेट परीक्षा को रद्द करना और रेलवे सुरक्षा जैसे मुद्दे भी सदन में छाएंगे। विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांग सकता है और हंगामा भी हो सकता है।