ललित मोदी मामला, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई केंद्र सरकार ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर पलटवार तेज कर दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को बुधवार को सीडी कांड में घेरने के बाद गुरुवार को लोकसभा में सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की फेसबुक टिप्पणी पर सवाल उठाकर भाजपा ने कांग्रेस को असहज स्थिति में डाल दिया। इसके बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर महरौली में एक फॉर्म हाउस खरीदने के लिए एक निजी कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया।
लोकसभा में भाजपा ने वाड्रा की फेसबुक पर की गई एक टिप्पणी को उठाते हुए संसद की छवि खराब करने के लिए उन्हें संसद में तलब कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। भाजपा के प्रह्लाद जोशी ने वाड्रा की टिप्पणी को संसद पर हमला बताते हुए कहा कि इससे संसद की गरिमा को ठेस पहुंची है। उन्होंने मांग की कि वाड्रा को तुरंत सदन में बुलाकर उन्हें उनकी टिप्पणी के लिए दंडित किया जाए।
भाजपा के मुख्य सचेतक अर्जुन राम मेघवाल ने वाड्रा की कथित फेसबुक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि वे संसद के बारे में फेसबुक पर लिख रहे हैं और हम कैसे चुप रह सकते हैं। जोशी व मेघवाल ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजे जाने की मांग की।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि वाड्रा सदन के सदस्य नहीं हैं इसलिए जोशी की टिप्पणी को कार्यवाही से निकाला जाए। कांगे्रस के अधिकतर सदस्यों ने वाड्रा का नाम लिए जाने पर कड़ी आपत्ति की। जोशी की इस टिप्पणी पर सदन में मौजूद सोनिया गांधी उद्वेलित नजर आर्इं और अपनी पार्टी के सदस्यों से कुछ कहती देखी गर्इं। वाड्रा ने 21 जुलाई को फेसबुक पर संसद सत्र के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘संसद शुरू हो गई है और साथ ही शुरू हो गई है उनकी क्षुद्र विभाजनकारी राजनीति। भारत की जनता बेवकूफ नहीं है। खेद है कि भारत का नेतृत्व ऐसे तथाकथित नेता कर रहे हैं’।
भाजपा ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एक स्टिंग आॅपरेशन की सीडी जारी की थी और गुरुवार को अपना निशाना वीरभद्र सिंह की ओर साधते हुए कहा कि वह विपक्षी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपने हमलों का सिलसिला जारी रखेगी। भाजपा ने वीरभद्र सिंह पर जो आरोप लगाए हैं, वे पहली बार 2012 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान लगाए गए थे। पार्टी नेताओं ने जांच दस्तावेज के हवाले से दावा किया कि सिंह के खिलाफ आरोप प्रमाणित हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर चुटकी ली और सिंह और रावत पर लगे आरोपों पर उनका जवाब मांगा। प्रसाद ने आरोप लगाया कि सिंह ने जलविद्युत कंपनी वेंचर एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड की राज्य में निरस्त हो गई परियोजना को फिर से इजाजत देने के लिए उससे रिश्वत ली थी और कंपनी ने वीरभद्र सिंह के बेटे और बेटी के स्वामित्व वाली एक कंपनी के 6.61 करोड़ रुपए का फार्म हाउस खरीदने में घुमावदार प्रक्रिया के जरिए धन दिया। पार्टी प्रवक्ता एमजे अकबर और हिमाचल प्रदेश के पार्टी प्रभारी श्रीकांत शर्मा के साथ पत्रकारों को संबोधित कर रहे प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी जी, सोनिया गांधी जी कृपया बताएं। यह भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला है। क्या आप सिंह से इस्तीफे के लिए कहेंगे?
सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह और बेटी अपराजिता ने अपनी कंपनी मैपल डेस्टिनेशन और ड्रीम बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 6.61 करोड़ रुपए में महरौली में संपत्ति खरीदी थी। मामले में सिंह के खिलाफ सीबीआइ जांच भी चल रही है। हिमाचल के मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पार्टी के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आरोपों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए अपरिपक्व कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा-मैं सारे आरोपों को पूरी तरह खारिज करता हूं। मैं आरोपों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि मामला विचाराधीन है और मामले दिल्ली और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों में, आयकर न्यायाधिकरण में और अन्य फोरम पर लंबित हैं और सीबीआइ ने भी आरोपों के मामले में जांच की है। समस्त आरोपों की जांच की गई है और मुझे किसी जांच से कोई डर नहीं है।
सिंह की इस दलील को चुनौती देते हुए प्रसाद ने आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि अभी तक की जांच से मजबूती से पता चलता है कि वीरभद्र सिंह की बेहिसाब नगदी और आय नियमित खातों में वापस लाई गई और उनके परिजन के लिए संपत्तियों को खरीदने में इस्तेमाल की गई और वक्कामुल्ला चंद्रशेखर ने एजंट और सूत्रधार के तौर पर काम किया। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने यह पता लगाने के लिए मामले को प्रवर्तन निदेशालय को भेजा कि क्या धनशोधन रोकथाम अधिनियम और फेमा कानून के उल्लंघनों का मामला बनता है।
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बेबुनियाद आरोप, अदालत पर भरोसा : वीरभद्र
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के आयकर रिटर्न के लगाए आरोपों की निंदा की है। कहा, अदालत में मामला लंबित होने की वजह से मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मुझे अदालत पर भरोसा है। मैं अपनी आयकर की विस्तृत जानकारी सौंप चुका हूं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में फंसे हैं। भाजपा नेता लोगों का ध्यान बंटाने के लिए कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रहे हैं। प्रसाद ने फिर से वही आरोप लगाए हैं, जिन्हें लेकर भाजपा ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी खूब हो-हल्ला किया था।