संसद में स्मोक अटैक करने के बाद से तमाम आरोपी बुरी तरह फंस चुके हैं। पुलिस ने इस समय 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे भी कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। इस समय पुलिस लगातार साजिशकर्ताओं से सवाल-जवाब कर रही है, कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। क्यों हमला किया, किस मकसद से किया, साथ में कौन-कौन था जैसे कई सवाल पूछे जा रहे हैं।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों से ये सवाल पूछ रही है-

-किसके कहने पर तुमने संसद में स्मोक अटैक किया था?

-प्लानिंग किसने की थी, ये कैसे तय हुआ कौन अंदर जाएगा, कौन बाहर?

-पहली बार कब मिले थे सब, कैसे बनाई गई थी रणनीति?

-13 दिसंबर से पहले कितनी बार मीटिंग की थी, कहां मिले?

-स्मोक बम लाने की जिम्मेदारी किसकी थी, कहां से लाए?

-13 दिसंबर को ही हमला क्यों, कोई खास वजह?

-प्लान के बारे में किस-किस को पता था?

-हमला करने का असल मकसद क्या था?

-किसी आतंकी संगठन से भी कोई संपर्क था या नहीं?

आरोपियों के मुताबिक फेसबुक पर इन सभी ने मिलकर भगत सिंह फैन पेज के नाम से एक ग्रुप बनाया था। इसके बाद डेढ़ साल पहले ये सभी मैसूर में एक साथ मिले थे, वहां सामाजिक मुद्दे उठाना उनका मकसद था। फिर 9 महीने पहले एक मुलाकात और हुई और उसी में फैसला किया गया कि अब विरोध प्रदर्शन के लिए देश की संसद का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी कि सबसे पहले सदन पर स्मोक अटैक करने का विचार आज से 9 महीने पहले आ गया था।

अब सुरक्षा में चूक तो हो गई है, ऐसे में संसद में सुरक्षा भी पहले की तुलना में और ज्यादा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा चूक के बाद संसद में कुछ बड़े बदलाव हो गए हैं। दर्शक दीर्घा के चारों ओर ग्लास की शील्ड बनाने का आदेश दे दिया गया है। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। बॉडी स्कैनिंग मशीन लगाने पर भी सहमति बन गई है।