लोकसभा में हुई ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने सभी सवालों का जवाब दिया। हालांकि नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भाषण के दौरान स्पष्ट नहीं कहा कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और पीएम मोदी ने एक भी बार चीन का नाम नहीं लिया।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘हम यहां पाकिस्तान की निंदा करते हैं, लेकिन आपके दोस्त उनके भोज में शामिल होते हैं और उन्हें गले लगाते हैं। आप खुद गलतियां करते हैं और फिर हम पर उंगली उठाते हैं। पहलगाम हमले से 3 दिन पहले प्रधानमंत्री ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया – क्या सरकार को पहले से पता था।’ खड़गे ने आगे कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद सार्वजनिक रूप से कहा है कि ‘पहलगाम में सुरक्षा चूक हुई थी और वह इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेते हैं।’ लेकिन असली जवाबदेही उपराज्यपाल की नहीं, गृह मंत्री की है। कांग्रेस की विरासत पर ये सरकार और कितने दिन चलेगी? हमने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। तुम सब पहाड़ खोदोगे, तो चूहा ही मिलेगा।’
राहुल गांधी ने फिर की सरेंडर की बात
कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी ने कहा कि कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया। इंदिरा जी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते। हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे। इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए।
राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में की ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत: ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की है। उन्होंने कहा, ‘राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आतंकियों ने भारत को एक soft state समझ रखा था। उनके लिए भारत पर आतंकवादी हमला करना एक तरह से low cost और high return का मामला बन गया था। दो-चार उनके नौसिखिए रंगरूट आते थे और हमारे नागरिकों को हताहत करके चले जाते थे। पहले की सरकारें चुपचाप यह तमाशा देखती जा रही थीं, इसलिए आतंकियों को लगा, कि भारत एक soft state बन चुका है।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की कहानी ऐसी ही है, वह हमेशा किसी न किसी बाहरी शक्ति के दबाव में आता रहता है। आज पाकिस्तान की पीठ पर एक नहीं, अनेक बेताल बैठे हुए हैं, जो उसे प्रगति की राह पर जाने ही नहीं दे रहे। भारत चाहता है, कि आतंकवाद पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से खत्म हो, क्योंकि यह पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती है।’
प्रियंका गांधी ने शुभम द्विवेदी का उदाहरण दिया: कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि ये लोग (टूरिस्ट्स) बैसरन में क्या कर रहे थे। आजकल पब्लिसिटी का दौर है। कुछ समय से सरकार ये प्रचार कर रही थी कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया। कांग्रेस नेता ने शुभम द्विवेदी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि शुभम पत्नी के साथ स्टॉल पर खड़े थे। उसी वक्त आतंकी जंगल से निकलकर आते हैं और पत्नी के सामने शुभम के सामने मार डालते हैं। किसी बेटे को पिता के सामने मार डालते हैं। आतंकी चुन-चुनकर 26 लोगों को मार डालते हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘वहां (बैसरन घाटी, पहलगाम) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है।’
अखिलेश यादव ने किए सवाल: लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल करते हुए कहा, ‘आखिर ऐसी क्या वजह थी कि सरकार को युद्धविराम की घोषणा करनी पड़ी? हमें तो उम्मीद थी कि सरकार खुद ही इसकी घोषणा कर देगी। लेकिन चूंकि उनकी गहरी दोस्ती है, इसलिए सरकार ने अपने दोस्त से ही युद्धविराम की घोषणा करने को कहा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा। जो सरकार दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कोई आतंकवादी घटना नहीं होगी।’
अमित शाह ने लोकसभा में क्या कहा: केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। मैं इस बर्बर कृत्य की निंदा करता हूं। मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।’ अमित शाह ने कहा कि हमने पहलगाम के आतंकियों को मार गिराया है। इतना ही नहीं शाह ने कहा, ‘कल के ऑपरेशन में तीनों आतंकवादी – सुलेमान, अफगान और जिबरान मारे गए। जो लोग उन्हें खाना पहुंचाते थे, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो हमारी एजेंसियों द्वारा हिरासत में रखे गए लोगों ने उनकी पहचान की।’
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क्या था ऑपरेशन सिंदूर: 22 अप्रैल को पहलगाम मे हुए हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। भारत ने इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया। इंडियन आर्मी ने बताया कि भारत ने उन आतंकी ढांचों को निशाना बनाया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके भी शामिल हैं। ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े हर एक सवाल का जवाब यहां पढ़ें…
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 16 घंटे की चर्चा होने की संभावना है। चर्चा से जुड़े तमाम बड़े अपडेट्स पढ़ने के लिए बने रहिये जनसत्ता डॉट कॉम के साथ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "प्रधानमंत्री ने हर पहलू को स्पष्ट रूप से समझाया और सरकार का रुख बहुत स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। आज प्रधानमंत्री के भाषण के बाद, मुझे लगता है कि विपक्ष भी अपनी सस्ती राजनीति को पीछे छोड़ देगा और उनका और देश का समर्थन करेगा। अगर प्रधानमंत्री के भाषण के बाद भी उनके पास कोई सवाल है, तो मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं केवल उन पर दया कर सकता हूं। कांग्रेस द्वारा स्थापित कहानी, और पाकिस्तान में जो चल रहा है, बहुत समान है।"
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, "उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं था। इसलिए, वह गोल-मोल बातें कर रहे थे। उनके पास कोई तर्क नहीं था क्योंकि विपक्ष और कांग्रेस ने जो कहा - मान लीजिए कि ट्रंप झूठे हैं और उन्होंने गलत बयान दिया है, उन्होंने चीन का भी ज़िक्र नहीं किया। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप या चीन का नाम लेने से डर रहे हैं। यह अब स्पष्ट हो गया है। हम जवाब से संतुष्ट नहीं हैं।"
लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण के बाद जेडीयू सांसद लवली आनंद ने कहा, "पीएम मोदी ने देश की जनता और विपक्ष को सारे जवाब दे दिए। लोगों की हत्या का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। पहले आतंकी हमले होते थे, लेकिन यहां लोग तुष्टिकरण की राजनीति करते थे, वोट बैंक की राजनीति करते थी। मैं सशस्त्र बलों के जवानों को धन्यवाद देना चाहती हूं जिनकी वजह से आज देश सुरक्षित है। ऐसे जवाब की निश्चित रूप से जरूरत थी।"
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भाषण के दौरान स्पष्ट नहीं कहा कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और पीएम मोदी ने एक भी बार चीन का नाम नहीं लिया।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने कहा, "हम इस पर विश्वास नहीं करते। उनका बयान बिल्कुल गलत है। हम इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। पूरा विपक्ष इस बयान पर विश्वास नहीं कर रहा है। यह बयान सही नहीं है। हम डोनाल्ड ट्रंप के तर्कों और ऑपरेशन सिंदूर के उनके दावे के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल हस्तक्षेप किया और दोनों देशों ने युद्ध रोक दिया। इसलिए हम जानना चाहते हैं कि ट्रंप का बयान सही है या नहीं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के हस्तक्षेप के बारे में कुछ नहीं कहा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, "यह 22 मिनट का युद्ध था, लेकिन यह 2 घंटे 22 मिनट का भाषण था। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के दावों को सिरे से खारिज नहीं किया है। काश, सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा होता कि राष्ट्रपति ट्रंप की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। इससे मामला खत्म हो जाता। हम बस यह जानना चाहते थे कि क्या वे स्थानीय आतंकवादी थे या सीमा पार से आए थे। इन दोनों प्रकार के आतंकवादियों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है।"
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर समाप्त होने के बाद से हम मांग कर रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए। लेकिन सरकार ने अपने ही सत्र बुलाने से इनकार कर दिया। पूरी दुनिया में हर लोकतांत्रिक देश में जब युद्ध हो रहा होता है, यहां तक कि युद्ध के दौरान भी, संसद का सत्र होता है, उदाहरण के लिए यूनाइटेड किंगडम। युद्ध के बाद, युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए संसद बुलाई जाती है। अगर आप मुझसे पूछें कि क्या ऑपरेशन सिंदूर प्रभावी था, तो मैं कहूंगा हां। अगर आप मुझसे पूछें कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा, तो मैं कहूंगा हां। अगर आप मुझसे पूछें कि क्या ऑपरेशन सिंदूर निर्णायक था, तो मैं केवल इतना कह सकता हूं कि केवल समय ही बताएगा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों के रवैये को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। जिस तरह से भारतीय सेना और देश ने अपनी क्षमता दिखाई, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने पेश किया। कांग्रेस को इससे सीख लेनी चाहिए और पाकिस्तान के पक्ष में नहीं, बल्कि हमारे देश के पक्ष में बात करनी चाहिए।"
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष सोच रहा था कि कुछ तो गड़बड़ होगी यार, मोदी मरेगा, कहीं तो फंसेगा, पाकिस्तान ने आदमपुर एयर बेस पर हमले का झूठ पहुंचाया। उस झूठ को बेचने की भरपूर कोशिश की। पूरी ताकत लगा दी, मैं अगले ही दिन आदमपुर पहुंचा। पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बिगड़ता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया में इसकी चर्चा है। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोन्स को तिनके की तरह बिखेर दिया। नौ मई को पाकिस्तान ने करीब एक हजार मिसाइल और आर्म ड्रोंस से भारत पर बहुत बड़ा हमला करने की कोशिश की। ये मिसाइलें भारत के किसी भी हिस्से पर गिरतीं तो बहुत बड़ा नुकसान होता लेकिन ये मिसाइलें भारत ने आसमान में ही चूर - चूर कर दी, हर देशवासी को इससे गर्व कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा। उसी दौरान नौ तारीख को रात को, अमेरिका के उप राष्ट्रपति ने मुझसे बात करने का प्रयास किया। वो घंटे भर से बात करने का प्रयास कर रहे थे। मैं सेना से बात करने में व्यस्त था। उन्होंने मुझे फोन पर बताया। पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है। मेरा जो जवाब था। जिन्हें समझ नहीं आता उन्हें नहीं आएगा। मेरा जवाब था। पाकिस्तान का अगर ये इरादा है, तो उसी बहुत महंगा पड़ेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान हमला करेगा तो हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे। हम गोली का जवाब गोले से देंगे। ये नौ तारीख रात की बात है। नौ रात औऱ दस सुबह। हमने पाकिस्तान में सैन्य शक्ति को तहस नहस कर दिया था। आज पाकिस्तान ये जान गया है कि भारत का हर जवाब पहले से ज्यादा तगड़ा होता है। उसे ये भी पता है कि अगर भविष्य में नौबत आई तो भारत आगे कुछ भी कर सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश भूलता नहीं है, देश को याद है। सात मई को प्रेस कान्फ्रेंस में भारत ने स्पष्ट कर दिया था। हमारा लक्ष्य आतंकियों के आका और उनके अड्डे हैं। हमने पीसी में कहा था, हमने जो तय किया था, वो पूरा कर दिया है। इसलिए छह सात मई को ऑपरेशन हमारा संतोषजनक होने के तुरंत बाद भारत की सेना ने पाकिस्तान की सेना को चंद मिनटों में बता दिया कि हमने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है।
पीएम मोदी ने कहा था कि अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए मुझ पर निशाना साध रहे थे, उनकी बयानबाजी, उनका छिछोरापन देश के सुरक्षा बलों का मनोबल गिरा रहा था। कांग्रेस के नेताओं को न भारत के सामार्थ्य पर भरोसा है न भारत की सेनाओं पर, वो लगातार ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के 190 देशों का समर्थन मिला लेकिन ये दुर्भाग्य है कि मेरे देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला। 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद तीन चार दिन में ही ये उछल रहे थे और कहना शुरू कर दिया, कहां गई छप्पन इंच की छाती, कहां खो गया मोदी, मोदी तो फेल हो गया, क्या मजा ले रहे थे। उनको लगता था, वाह बाजी मार ली। उनको पहलगाम के निर्दोष लोगों की हत्या में भी अपनी राजनीति तलाश रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें गर्व है कि 6 और 7 मई की रात हमने जैसा तय किया था, वैसा जवाब आतंकियों को दिया। हमने मारा और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया। ऐसा करारा जवाब दिया, कि आतंक के आकाओं की आज भी नींद उड़ी हुई है. 22 अप्रैल का बदला हमने 22 मिनट में ले लिया। हमने वहां घुसकर भी मारा, जहां पहले कभी नहीं गए थे। आतंकी अड्डों को धुआं-धुआं कर दिया। पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकियों को हमने झूठा साबित कर दिया। भारत ने सिद्ध कर दिया कि ये अब नहीं चलेगा और ना ही भारत इन धमकियों के आगे झुकेगा। हमने पाकिस्तान के सीने पर ऐसा दर्द दिया है, कि आज भी उसके कई एयरपोर्ट आईसीयू में पड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तानी सेना को अंदाजा लग चुका था कि भारत कोई बड़ी कार्रवाई करेगा कि उनकी तरफ से न्यूक्यिर की धमकी के भी बयान आना शुरू हो चुके थे। भारत ने 6 मई रात और सात मई सुबह जैसा तय किया था, वैसी कार्यवाई की और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया। 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला निर्धारित लक्ष्य के साथ हमारी सेना ने ले लिया।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें हमारे सैन्य बलों की क्षमता, सामर्ध्य, साहस पर पूरा विश्वास है। सेना को कार्यवाई की पूरी छूट दी गई, ये भी कहा गया कि सेना तय करे, कब कहां कैसे सेना तय करे। हमें गर्व है। आतंकियों को वो सजा दी कि वो सजा ऐसी है कि आतंक के उन आकाओं को नींद उड़ी है।
पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि 22 अप्रैल के बाद मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि ये हमारा संकल्प है। हम आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे। मैंने कहा था सजा उनके आकाओं को मिलेगी, कल्पना से परे सजा मिलेगी, २२ अप्रैल को मैं विदेश था, मैंने एक बैठक बुलाई। उसमें मैंने साफ - साफ निर्देश दिए कि आतंकवाद को करारा जवाब देना है, ये हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस प्रकार से देश क लोगों ने मेरा साथ दिया, मुझे आशीर्वाद दिया, मुझपर देश की जनता का कर्ज है। मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार ने गलती की है। हमारी किसी से लड़ाई हुई है और हम उससे कहें कि भैया अब ठीक है, हम लड़ाई नहीं चाहते। हमने आपको एक थप्पड़ मारा है, दूसरा थप्पड़ नहीं मारेंगे। गलती सेना की नहीं, सरकार की थी। ट्रंप ने 29 बार कहा है कि हमने युद्ध रुकवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि वह असत्य बोल रहे हैं। इंदिरा गांधी के 50 परसेंट भी करेज होगा उनमें, तो यहां बोल देंगे। अगर सचमुच में दम है तो पीएम को यहां कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए।
लोकसभा में नेता विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि जिस क्षण ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, वास्तव में शुरू होने से पहले ही, विपक्ष ने खुद को, सभी दलों ने, प्रतिबद्ध किया कि हम सेनाओं और भारत की निर्वाचित सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहेंगे। हमने उनके कुछ नेताओं की ओर से अजीबोगरीब ताने, व्यंग्यात्मक टिप्पणियां सुनीं। लेकिन हमने बिल्कुल कुछ नहीं कहा। यह कुछ ऐसा था जिस पर भारतीय गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेतृत्व के बीच सहमति थी। हमें बहुत गर्व है कि एक विपक्ष के रूप में, हम एकजुट रहे जैसा कि हमें होना चाहिए था।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि एक क्रूर हमला (पहलगाम), निर्दयी हमला जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सरकार द्वारा आयोजित और षडयंत्र किया गया था। युवा और वृद्ध लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। हम सभी ने इस सदन के प्रत्येक व्यक्ति ने मिलकर पाकिस्तान की निंदा की है।
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अगर आप पर्यटकों को कश्मीर घूमने के लिए बुला रहे हैं, तो क्या उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराना आपका प्राथमिक कर्तव्य नहीं है? हम मानते हैं कि इस घटना (पहलगाम) के लिए आतंकवादी ज़िम्मेदार हैं। इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है। लेकिन 26 लोगों की कीमती जान आतंकवादियों को किसने दी? आपकी अज्ञानता।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि पीएम मोदी के पास विपक्षियों द्वारा दी गई गालियों का तो हिसाब है लेकिन ट्रंप के सीजफायर की बातों का कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने कहा कि पांच जेट्स गिराए गए। आपका दोस्त बोल रहा है, जिसके प्रचार के लिए जाते हो, विदेश में जाकर किसी का प्रचार कोई करता है। आजतक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया। इसको आप बता सकते हैंय़। मोदी जी से देश जानना चाहता है कि वो साफ-साफ कहें कि हमारा एक भी जेट नहीं गिरा।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हम हमेशा से पाकिस्तान और उसके द्वारा आतंकियों को समर्थन देने की निंदा करते आए हैं और आगे भी करेंगे। लेकिन हम इधर निंदा करते हैं, उधर मोदी जी दावत में जाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गले लगा लेते हैं।'
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पाकिस्तानी गोलीबारी के सिर्फ़ 4 दिनों में 27 भारतीय नागरिक मारे गए। इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सकता था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि युद्धविराम के बाद, भाजपा के एक राज्यसभा सांसद ने कहा कि पहलगाम के शहीदों की विधवाओं में 'वीरांगना जैसा जज्बा' नहीं दिखा, इसलिए वे हाथ जोड़कर खड़ी रहीं। यह महिलाओं और उनके दुःख के प्रति आपकी संवेदनशीलता या उसकी कमी को दर्शाता है। आप ऐसे लोगों को अपनी पार्टी से क्यों नहीं निकालते।
खड़गे ने आगे कहा, 'जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद सार्वजनिक रूप से कहा है कि 'पहलगाम में सुरक्षा चूक हुई थी और वह इसकी पूरी ज़िम्मेदारी लेते हैं।' लेकिन असली जवाबदेही उपराज्यपाल की नहीं, गृह मंत्री की है। कांग्रेस की विरासत पर ये सरकार और कितने दिन चलेगी? हमने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। तुम सब पहाड़ खोदोगे, तो चूहा ही मिलेगा।'
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, 'हम यहां पाकिस्तान की निंदा करते हैं, लेकिन आपके दोस्त उनके भोज में शामिल होते हैं और उन्हें गले लगाते हैं। आप खुद गलतियां करते हैं और फिर हम पर उंगली उठाते हैं। पहलगाम हमले से 3 दिन पहले प्रधानमंत्री ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया - क्या सरकार को पहले से पता था।'