Modi Speech in Parliament: बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं… विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह देश अमर-अजर है। आइए, हम चल पड़ें… 2047 में एक विकसित भारत बना कर रहेंगे। आइए, एक संकल्प और सपना लेकर चलें। देश आज यहां से एक नई उमंग… नए विश्वास के साथ आगे चल पड़ा है।
2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटाला का दशक रहा। यूपीए के वे दस साल में भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा। हर नागरिक असुरक्षित था। चारों तरफ ये सूचना रहती थी किसी अनजानी चीज को हाथ मत लगाना। 10 साल में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक देश हिंसा का शिकार था। 2010 में देश में राष्ट्रमंडल खेल हुए भारत की युवा सामर्थ्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने बहुत बड़ा अवसर था, लेकिन CWG घोटाले में पूरा देश दुनिया में बदनाम हो गया। सदी के दूसरे दशक में देश की चर्चा ब्लैकआउट के नाते हुई। पूरे विश्व में ब्लैकआउट के वे दिन चर्चा में आ गए।
मंगलवार को लोकसभा में अडाणी ग्रुप (Adani Group Issue) से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi on Adani Group) ने पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। आज संसद के बजट सत्र की सभी बड़ी अपडेट्स आपको हमारे इस पेज पर मिलेंगे।
Parliament Budget Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी सहित अनेक संकटपूर्ण हालात के बीच देश को जिस तरह से संभाला गया, उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है एवं पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और भरोसा है। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी कांग्रेस पर भी निशाना साधा।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ दुनिया के तमाम देशों व हमारे पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, ऐसे समय में कौन हिंदुस्तानी गौरव नहीं करेगा कि उनका देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता है।’’
मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में ‘संकल्प से सिद्धि’ तक का बढ़िया तरीके से खाका खींचा गया जिसमें एक प्रकार से देश को लेखाजोखा भी दिया गया और प्रेरणा भी दी गयी। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कुछ लोगों ने अभिभाषण से कन्नी काटी। एक बड़े नेता तो राष्ट्रपति का अपमान कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी सोच क्या है, यह सामने आ गया।’’ माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का इशारा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की तरफ था जिन्होंने कुछ महीने पहले राष्ट्रपति के खिलाफ एक टिप्पणी की थी।
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "मुझे भरोसा है कि भविष्य में हार्वर्ड ही नहीं बल्की बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में कांग्रेस की बर्बादी और डूबाने वाले लोगों पर अध्ययन होना ही है। ऐसे लोगों के लिए दुष्यंत कुमार ने एक बात कही है कि, तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत आज विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है, दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी, आशा, भरोसा है। ये खुशी की बात है कि आज भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। ये देश और 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे कुछ लोगों को दुख है। वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की पहचान बन गई थी कि उसने हर मौके को मुसीबत में बदल दिया।"
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा: कांग्रेस के उदय और खस्ताहाली को लेकर हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में बहुत बढ़िया अध्ययन हुआ है, मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की बर्बादी पर दुनिया के अन्य बड़े बड़े संस्थानों में भी अध्ययन होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पिछली शताब्दी में मैं भी यात्रा लेकर कश्मीर गया था और आतंकियों ने पोस्टर लगाए थे कि- कौन है ऐसा, जिसने मां का दूध पिया है जो लाल चौक पर तिरंगा लहराएगा। मैंने उस वर्ष 23 जनवरी को ऐलान किया था कि 26 जनवरी को मैं आऊंगा, बिना सुरक्षा और बुलेट प्रूफ जैकेट के आऊंगा और तिरंगा लहराऊंगा...।
समय सिद्ध कर रहा है... जो कभी यहां (सत्ता पक्ष) बैठते थे वो वहां (विपक्ष) जाने के बाद भी फेल हुए हैं, लेकिन देश पास होता जा रहा है। जो हाल में जम्मू-कश्मीर घूम कर आए हैं वो भी अब देख सकते हैं कि कितनी आन-बान-शान से घूम सकते हैं।
कुछ लोगों को लगता है कि मोदी को गाली देकर, झूठे आरोप लगाकर और कीचड़ उछालकर रास्ता निकलेगा, लेकिन मोदी पर भरोसा अखबार की खबरों और टेलीविजन पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है, पूरा जीवन खपाया है।
पीएम मोदी ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "देश में हर स्तर, हर क्षेत्र में, हर सोच में आशा ही आशा नजर आ रही है। सपने और संकल्प लेकर चलने वाला देश है, लेकिन कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हुए हैं कि क्या कहें...। काका हाथरसी ने कहा था- आगा-पीछा देख कर, क्यों होते गमगीन जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन...।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा: इन्हें प्रवर्तन निदेशालय का धन्यवाद करना चाहिए कि उसकी वजह से ये एक मंच पर आ गए। पहले पूरा विपक्ष अलग-अलग था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा "कोरोनाकाल में बहुत से देश अपने नागरिकों की आर्थिक मदद करना चाहते थे, लेकिन असमर्थ थे। यह भारत है यहां फ्रैक्शन ऑफ सेकंड में लाखों-करोड़ों रुपये देशवासियों के खातों में जमा कर रहा था। एक समय देश छोटी-छोटी तकनीक के लिए तरसता था। आज देश Technology के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।"
लगभग तीन दशकों तक भारत में राजनीतिक अस्थिरता रही। आज हमारे पास एक स्थिर और निर्णायक सरकार है। निर्णायक सरकार हमेशा देश के हित में निर्णय लेने का साहस रखती है...पिछले 9 साल में 90,000 स्टार्टअप सामने आए हैं। स्टार्टअप्स में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं।
कई देश युद्ध के कारण अस्थिरता से पीड़ित हैं। हमारे पड़ोसी सहित कई अन्य लोग मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और खाद्य सुरक्षा की कमी का सामना कर रहे हैं। मुश्किल समय के बीच भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
पीएम मोदी ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था, हर विशेषज्ञ, जो भविष्य का अच्छा सेशन रिपोर्ट भी लगा सकते हैं, उन सबको आज भारत को लेकर बहुत आशा और काफी हद तक उमंग है। इसका कारण है कि भारत में अस्थिरता नहीं है।"
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सदन को गुमराह किया और वह हताश हैं क्योंकि मोदी सरकार में ‘डील और कमीशन’ बंद हो चुका है। प्रसाद ने दावा किया, ‘‘आज नरेन्द्र मोदी की सरकार में कमीशन और डील बंद हो गई। यही बात उन्हें (राहुल) चुभती है।’’ ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण पर निचले सदन में धन्यवाद प्रस्ताव’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि अडाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से जो बातें सामने आई हैं, उसकी आंच सरकार पर पड़ रही है।
कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर राहुल गांधी की ओर से की गई टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाकर सदन में लोकतंत्र को खत्म किया गया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी महाघोटाले पर राहुल गांधी की टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाये जाने के साथ लोकसभा में लोकतंत्र का दाहसंस्कार कर दिया गया। ओम शांति।’’
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "2014 से पहले अखबारों में रोजाना नए-नए घोटाले सामने आ रहे थे और लोगों का नेताओं पर से भरोसा उठ रहा था। पीएम मोदी ने सरकार और निर्वाचित प्रतिनिधियों में जनता के विश्वास को फिर से स्थापित किया। पीएम मोदी के विचार और हृदय गंगा नदी की तरह पवित्र हैं और रहेंगे।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि ‘‘उस व्यक्ति ने प्रधानमंत्री पर आरोप मढ़े हैं जो खुद भ्रष्टाचार के मामले पर जमानत पर है।
राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह को लेकर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग की।
मल्लिकार्जुन खड़गे पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कहना बहुत चालाकी है कि हम डेटा दे रहे हैं, हम इसकी पुष्टि करेंगे... लेकिन यह पूरी तरह से पीएम मोदी के खिलाफ आक्षेप से भरा हुआ है और हम इसी पर आपत्ति जता रहे हैं। वे खुलेआम पीएम पर निशाना साध रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक करीबी दोस्त की संपत्ति 2.5 साल में 13 गुना बढ़ गई। यह साल 2014 में 50 हजार करोड़ थी जो 2019 में 1 लाख करोड़ हो गई। दो सालों में ऐसा कौन सा जादू हुआ कि उनकी संपत्ति बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गई। क्या यह दोस्ती का नतीजा है?
RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि एक उद्यमी (अडानी) जो कहीं नहीं था वह अचानक उछलकर यहां तक पहुंचता है। कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमें उसका दखल न हो। हाल में आई रिपोर्ट (हिंडनबर्ग) से यह स्पष्ट हो गया है इन्हें के इर्द-गिर्द सत्ता तंत्र का ताना बाना था और इस ताने बाने की कहानी परत दर परत खुल रही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि कई सासंद-मंत्री सिर्फ हिंदू मुस्लिम करते हैं, क्या बात करने के लिए कोई और मुद्दा नहीं है। दूसरी तरफ कोई अनुसूचित जाति के लोग मंदिर जाते हैं तो उन्हें मारते हैं, उनकी सुनवाई नहीं होती है।
उन्होंने आगे कहा कि अनुसूचित जाति को तो हम हिंदू समझते हैं ना, तब उन्हें मंदिर जाने से क्यों रोकते हैं। अगर समझते हैं तो उन्हें बराबरी का स्थान क्यों नहीं देते। कई मंत्री दिखावे के लिए उनके घर जाकर खाना खाते हैं और तस्वीर खींचवा कर बताते हैं कि हमने उनके घर खाना खाया है।
अडाणी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि विपक्ष इस मसले पर एकजुट है। हम इस मामले में जेपीसी जांच की कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद की चर्चा में हिस्सा लेने का मतलब है अदाणी के शेयरों की कीमत बढ़ाना।
टीएमसी सांसदों ने दिल्ली में एसबीआई दफ्तर के सामने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर प्रदर्शन किया।
विपक्ष के सांसदों ने बुधवार सुबह संसद परिसर में मौजूद गांधी प्रतिमा के सामने अडाणी मामले को लेकर जेपीसी जांच की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में आम आदमी पार्टी, बीआरएस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के सांसद शामिल थे।
महुआ मोइत्रा ने आगे कहा कि भाजपा कह रही है, मैं महिला होकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कैसे कर सकती हूं, क्या मुझे इसके लिए पुरुष होने की जरूरत हैं? यह पितृसत्ता है। उन्होंने आगे कहा कि पहली बार हम भारत को लोगों को अडाणी से जुड़े विषय के बारे में बताने में सफल रहे। बीजेपी इसे तीन सालों से छिपाने में लगी हुई है। खुशी है कि सभी विपक्षी दल एकसाथ आए। लोग अडाणी से जुड़े मामले का प्रभाव देख सकते हैं।
गलत शब्दों का इस्तेमाल के बाद महुआ मोइत्रा ने बुधवार को मीडिया से कहा, "मुझे आश्चर्य होता है कि भाजपा हमें संसदीय भाषा सीखा रही है। दिल्ली के उस सासंद ने मुझे टोका। मैं सेब को सेब ही कहूंगी, संतरा नहीं कहूंगी... अगर वो मुझे विशेषाधिकार समिति के पास ले जाएंगे, तो मैं कहानी का अपना पक्ष रखूंगी।"
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि जबतक एक सांसद पहले से नोटिस नहीं देते, तब तक वह आरोप नहीं लगा सकते हैं। कांग्रेस के एक नेता द्वारा कल लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उनके बयान को समाप्त किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया जाना चाहिए और उन्हें नोटिस दिया जाना चाहिए।
मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने टीएमसी एमपी महुआ मोइत्रा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वे अपनी जुबान पर कंट्रोल रखें। उन्हें ओवर एक्साइटेड और इमोश्नल होने की जरूरत नहीं है। संसद का हर सदस्य एक सम्मानित व्यक्ति है।
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