संसद के बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने 14वीं बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा में यहां बैठकर शामिल होने को अपना सौभाग्य बताया और इसके लिए जनता का आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार में कोई घोटाले नहीं होने से लाखों करोड़ रुपये बचे हैं। आइए जानते हैं पीएम मोदी के लोकसभा में दिए गए भाषण की 10 बड़ी बातें।

  1. 1. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अलग-अलग कदमों से लाखों करोड़ रुपये की बचत की लेकिन इसका उपयोग शीशमहल बनाने पर नहीं बल्कि देश बनाने के लिए किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने ‘शीशमहल’ बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है।’’

2. PM मोदी ने कहा, ‘‘पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी, इतने लाख के घोटाले… 10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं।’’ उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिये बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘कुछ नेताओं का फोकस (ध्यान) जकूजी पर, स्टाइलिश शावर पर है लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है।”

3. प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा निरंतर प्रयास है कि हर योजना का शत प्रतिशत लाभ हर लाभार्थी को मिले लेकिन कुछ लोगों ने मॉडल ही ऐसा बनाया था कि कुछ ही लोगों को दो औरों को तड़पाओ और तुष्टिकरण की राजनीति करो। देश को विकसित बनाने के लिए तुष्टिकरण से मुक्ति पानी होगी। हमने रास्ता चुना है- संतुष्टिकरण का। हर समाज, हर वर्ग के लोगों को उनका हक मिलना चाहिए।”

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4. लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा, “जाति की बातें करना कुछ लोगों का फैशन बन गया है। पिछले 30 साल से सदन में आने वाले ओबीसी समाज के सांसद दलों के भेदभाव से ऊपर उठकर एक होकर मांग कर रहे थे कि ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। जिन लोगों को आज जातिवाद में मलाई दिखती है, उन लोगों को उस समय ओबीसी की याद नहीं आई। हमने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया।”

5. प्रधानमंत्री ने कहा, “राष्ट्रपति जी के भाषण की चर्चा के समय यहां विदेश नीति की भी चर्चा हुई। कुछ लोगों को लगता है कि जब तक Foreign Policy नहीं बोलते तब तक वो मैच्योर नहीं लगते। उनको लगता है विदेश नीति तो बोलना चाहिए, भले ही देश का नुकसान हो जाए। मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर उन्हें सच में विदेश नीति में रूचि है और Foreign Policy को समझना है और आगे जाकर कुछ करना भी है, तो मैं ऐसे लोगों को कहूंगा कि एक किताब जरूर पढ़ें। किताब का नाम है- JFK’S FORGOTTEN CRISIS. इस किताब में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और अमेरिका के तब के राष्ट्रपति जॉन एफ़ कैनेडी के बीच हुई चर्चाओं और निर्णयों का भी वर्णन है। जब देश ढेर सारी चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था इस किताब के माध्यम से सामने आ रहा है।

6. पीएम ने कहा कि ये तो अभी हमारा तीसरा ही टर्म है। हम देश की आवश्यकताओं के अनुसार, आधुनिक भारत बनाने के लिए, सक्षम भारत बनाने के लिए और विकसित भारत का संकल्प साकार करने के लिए हम आने वाले अनेक वर्षों तक जुटे रहने वाले हैं।

7. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के बाद एक महिला राष्ट्रपति का सम्मान न कर सके, लेकिन क्या क्या कह कर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। मैं राजनीतिक हताशा समझ सकता हूं लेकिन राष्ट्रपति के खिलाफ, क्या कारण है? राष्ट्रपति जी के अभिभाषण के बाद एक महिला राष्ट्रपति का सम्मान न कर सकें, उनकी मर्जी… लेकिन क्या-क्या कह कर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। मैं राजनीतिक हताशा-निराशा समझ सकता हूं, लेकिन राष्ट्रपति के खिलाफ… क्या कारण है! आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़कर, उस सोच को छोड़कर women-led development के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहा है।

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8. लोकसभा में पीएम ने कहा, “जो लोग संविधान की बातें करते हैं, उन्हें ज्यादा ज्ञान नहीं है, ये भी दुर्भाग्य की बात है। बहुत कम लोगों को मालूम होगा की हमारे देश में पानी की योजनाओं को लेकर बाबा साहेब अंबेडकर का विजन इतना स्पष्ट, व्यापक और समावेशी था, जो आज भी हमें प्रेरणा देता है। 10 से ज्यादा सिंचाई परियोजनाएं, जो दशकों से लटकी हुई थीं, हमने उन्हें पूरा किया ताकि किसानों के खेतों तक पानी पहुंचे।”

9. पीएम बोले, “हम संविधान की भावना को लेकर चलते हैं, हम जहर की राजनीति नहीं करते हैं। हम देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं और इसलिए सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाते हैं। जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।सात दशक तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को संविधान के अधिकारों को अलग रखा गया। ये संविधान के साथ भी अन्याय था और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के साथ भी अन्याय था। हमने अनुच्छेद 370 की दीवार गिरा दी। अब जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को देशवासियों को जो अधिकार हैं, वो अधिकर उन्हें मिल रहे हैं। हम संविधान के महात्म्य को जानते हैं। संविधान की भावना को जीते हैं, इसलिए ऐसे मजबूत निर्णय भी हम करते हैं।”

10. एक प्रधानमंत्री आए दिन 21वीं सदी, 21वीं सदी बोला करते थे। उस समय, Times of India में कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण ने एक शानदार कार्टून बनाया था। उस कार्टून में एक हवाई जहाज है, एक पायलट है, कुछ यात्री बैठे हैं और हवाई जहाज एक ठेले पर रखा था और मजदूर ठेले पर धक्का मार रहे थे और उसपर 21वीं सदी लिखा हुआ था। वो कार्टून उस समय तो मजाक लग रहा था, लेकिन आगे चलकर वो सच ​सिद्ध हो गया। ये कटाक्ष था कि प्रधानमंत्री जमीनी सच्चाई से कितने कटे हुए थे और हवाई बतों में लगे हुए थे। जिन्होंने तब 21वीं सदी की बातें की थीं, लेकिन वो 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे। पढ़ें- दिल्ली में सुबह कितने बजे शुरू होगी वोटिंग? कब तक कर सकेंगे मतदान