राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से अपने सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर छह वर्षों के लिए दल से निष्कासित कर दिया है। यह जानकारी राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रामदेव भंडारी ने दी। पप्पू ने पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से हराया था।
भंडारी ने बताया कि पप्पू यादव को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 18 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के नेतृत्व में पार्टी की कोर कमेटी ने पप्पू के भेजे गए जवाब को अपर्याप्त माना। जिसके बाद उन्हें दल से निष्कासित करने का फैसला किया गया।
पांचवी बार सांसद चुने गए पप्पू द्वारा हाल के दिनों में लालू प्रसाद के उत्तराधिकारी का मुद्दा उठाए जाने और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समर्थन में नीतीशनीत जदयू सरकार, जिसका राजद समर्थन कर रही है, का विरोध करने के कारण आपस में विलय की तैयारी कर रहे राजद और जदयू के समक्ष मुश्किलें खड़ी हो गई थीं।
राजद से बाहर निकाले जाने के बाद पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उन्हें बलि का बकरा बनाया है। एक कार्यकम में भाग लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ बेगूसराय जिला गए पप्पू यादव ने फोन पर बताया कि लालू जी अपने आलोचकों और स्वाभिमान वाले व्यक्तियों जैसे रंजन यादव, रामकृपाल यादव और अब उन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्हें केवल चाटुकारों और बालू माफिया से प्रेम है।
उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी जीतन राम मांझी के पक्ष में बयान दिया था, ऐसे में सिर्फ उन्हें पार्टी से क्यों निकाला गया। पप्पू ने कहा कि ऐसा लगता है लालू प्रसाद ने सामाजिक न्याय की विचारधारा को तिलांजलि दे दी है और सिर्फ परिवार हित पर ध्यान दे रहे हैं। इसी कारण उनके जैसे व्यक्ति तिरस्कृत कर दिए गए।
मांझी के साथ जाने के बारे में पूछने पर पप्पू ने कहा कि नौ मई को दरभंगा और 11 मई को उनके अपने संसदीय क्षेत्र मधेपुरा में रैली है। वहीं जनता मेरे भाग्य का फैसला करेगी। चर्चा है कि मांझी नई पार्टी बनाने वाले हैं।
मांझी द्वारा राजद से यादव के निष्कासन पर दुख व्यक्त करने और अपना दरवाजा उनके लिए खुला होने की बात कहने के संबंध में जब पप्पू यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं मांझी जी की भावनाओं का आदर करता हूं। लेकिल मेरे भाग्य का फैसला जनता करेगी।’