गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के तहत पाकिस्तान में जन्मे ईसाई शख्स शेन सबेस्टियन परेरा को मंगलवार को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा है। परेरा को भारतीय नागरिकता हासिल करने में 43 साल लग गए। पाकिस्तान के कराची में जन्मे शेन सबेस्टियन परेरा को जन्म के सिर्फ चार महीने बाद ही माता-पिता भारत के गोवा में स्थित अपने पैतृक गांव ले आए थे। वह गोवा में भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र हासिल करने वाले दूसरे शख्स बन गए हैं। इससे पहले, अगस्त में जोसेफ फ्रांसिस परेरा नामक एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी।
क्यों लग गए 43 साल?
शेन सबेस्टियन परेरा ने बताया कि पिछले कई वर्षों से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के उनके प्रयास असफल रहे हैं। वह कहते हैं कि अगस्त में जोसेफ फ्रांसिस परेरा को मिली नागरिकता के बाद उन्होंने एक बार फिर अप्लाई किया और उन्हें कामयाबी मिल गई है। शेन को मिले नागरिकता प्रमाण पत्र में उल्लेख किया गया है कि वह भारत में प्रवेश की तारीख से नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5(1)(सी) के तहत शर्तों को पूरा करते हुए धारा 6बी के प्रावधानों के तहत भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत हैं। उन्होंने 2012 में भारतीय नागरिक मारिया ग्लोरिया फर्नांडीस से विवाह किया था।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने समारोह के बाद मीडिया के एक वर्ग सहित कुछ लोगों द्वारा सीएए से गोवा के लोगों को लाभ समेत अन्य उठाई गई चिंताओं को लेकर जवाब दिया। सावंत ने कहा, ‘‘शेन यह प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले दूसरे गोवावासी हैं, इसके अलावा कई अन्य लोगों ने भी आवेदन किया है, उनके आवेदन अभी प्रोसेस में हैं। सीएए से गोवा के कई लोगों को लाभ होगा।”
सावंत ने बताया कि सीएए के तहत नागरिकता के लिए शेन के आवेदन को तीन महीने के भीतर मंजूरी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस अधिनियम को लागू करने के फैसले से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में फंसे हिंदुओं, ईसाइयों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और सिखों को मदद मिलेगी।