भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास जैसलमेर जिले के साधेवाला इलाके में एक पाकिस्तानी जोड़े की मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, जोड़े ने रेगिस्तान के रास्ते अवैध तरीके से भारत में एंट्री करने की कोशिश की थी। जैसलमेर के एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि शनिवार को तनोट थाने को जानकारी मिली कि भारतीय बॉर्डर में करीब 15 किलोमीटर अंदर दो अज्ञात शव मिले हैं। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और एक पेड़ के नीचे एक व्यक्ति का शव बरामद किया। उसने आसमानी नीले रंग का सलवार-कुर्ता और पीले रंग का दुपट्टा पहना हुआ था। घटनास्थल से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया।

करीब 50 फीट दूर एक महिला का शव भी मिला। उसने पीले रंग का घाघरा-कुर्ता पहना हुआ था और उसकी कलाइयों में लाल और सफेद रंग की चूड़ियां थीं। दोनों शव मुंह के बल पड़े थे और ऐसा लग रहा था कि वे 8-10 दिनों से मरे हुए थे। बहुत ज्यादा सड़ने के कारण उनके शरीर काले पड़ गए थे और उनके चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे। शुरुआती जांच से पता चलता है कि दंपति की मौत प्यास से हुई होगी।

दो पाकिस्तानी आईडी मिली

इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी चौधरी के निर्देश पर एफएसएल टीम, एमओबी टीम और जैसलमेर सर्किल ऑफिसर मौके पर पहुंचे। टीमों ने क्षेत्र और शवों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी समेत कई सारी जांच की। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उस व्यक्ति के पास से दो पाकिस्तान की आईडी मिली हैं। एक से उसकी पहचान रवि कुमार के तौर पर हुई है। वहीं महिला की पहचान शांति बाई के तौर पर हुई। दोनों कार्डों पर ‘पाकिस्तान’ लिखा था और पीछे की तरफ उर्दू में लिखा था।

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व्यक्ति का अपने पिता से था मतभेद

हिंदू पाकिस्तानी डिस्प्लेस्ड यूनियन एंड बॉर्डर पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर दिलीप सिंह सोधा ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि संगठन ने भारत में दंपति के एक दूर के रिश्तेदार से संपर्क किया, जिसने उन्हें बताया, ‘उस व्यक्ति का अपने पिता से कुछ मतभेद था। इसलिए, वह अपनी पत्नी के साथ घर छोड़कर चला गया। यह जोड़ा पाकिस्तान के सिंध प्रांत का रहने वाला था। यह इंडियन बॉर्डर से 60 किलोमीटर दूर है। उन्होंने करीब डेढ़ साल पहले भारतीय वीजा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उनका वीजा मंजूर नहीं हुआ। झगड़े के बाद, यह जोड़ा भारत की ओर चला गया क्योंकि उन्हें पता था कि यही उनकी लास्ट डेस्टिनेशन है।’ सोधा ने कहा, ‘वह भारत में रहना चाहता था। वह किसी तरह भारतीय क्षेत्र में घुस आया, लेकिन दुर्भाग्य से बेहतर जिंदगी की उम्मीद में उसकी मौत हो गई।’

सर्किल ऑफिसर ने एफआरओ से मांगी जानकारी

जैसलमेर के सर्किल ऑफिसर रूप सिंह इंदा ने बताया कि पुलिस ने लड़के के वीजा आवेदन के संबंध में जैसलमेर में मौजूद एफआरओ से जानकारी मांगी है। इंदा ने कहा कि हमें अभी तक इस बारे में पूरी डिटेल नहीं मिली है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। शवों की सड़न इतनी ज्यादा हो चुकी है कि उन्हें पाकिस्तान नहीं भेजा जा सकता। इसलिए हिंदू पाकिस्तानी विस्थापित संघ ही उनका अंतिम संस्कार करेगा। शवों को पोस्टमार्टम के बाद कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में रखवा दिया गया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत ने दिखा दिया कि वह अब सिर्फ सहने वाला देश नहीं है