India vs Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके चलते ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि दोनों ही देश युद्ध की कगार पर पहुंच सकते हैं। कई रिपोर्ट्स का दावा है कि अगर दोनों देशों में युद्ध होता है, तो पाकिस्तान भारत के सामने ज्यादा लंबा नहीं तक पाएगा। खास बात यह है कि पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद भी बाजवा भी स्वीकार कर चुके हैं।
न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सेना तोपखानों में गोला-बारूद भारी कमी है। इसके चलते पाकिस्तान की हाई लेवल युद्ध लड़ने की क्षमता महज 96 घंटे यानी 4 दिन रह गई है। पाकिस्तान की युद्धक क्षमता में आई इस कमी की सबसे बड़ी वजह यह है कि उसने हाल ही में यूक्रेन के साथ सैन्य सौदा किया था।
पाकिस्तान ने यूक्रेन को दे दिया था गोला-बारूद
यूक्रेन के साथ डील के चलते पाकिस्तान ने काफी ज्यादा गोला-बारूद रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे यूक्रेन को दे दिया था। हाल ही में उसका किया हथियार सौदा है जिसके चलते उसका युद्ध भंडार खाली हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक गोला-बारूद की आपूर्ति करने वाली पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री को बढ़ती वैश्विक मांग और पुरानी उत्पादन सुविधाओं के बीच पाकिस्तान के तोपखाने भरने में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
नतीजा ये हैं कि पाकिस्तान के पास महज 4 दिन का ही गोलाबारूद बचा है। ऐसे में अगर भारत के साथ उसका युद्ध होता है तो 5वें ही दिन पाकिस्तान को सरेंडर भी करना पड़ सकता है। बता दें कि 1971 में पाकिस्तानी सेना 93 हजार सैनिक ने भारत के आगे सरेंडर कर दिया था।
पाकिस्तानी जनरल ने भी स्वीकार की थी पाकिस्तान की खस्ताहाल स्थिति
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान की खस्ताहाल स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के पास भारत के साथ लंबे समय तक युद्ध लड़ने के लिए गोला बारूद और आर्थिक ताकत ही नहीं है। सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान ने संभावित युद्ध की आशंका के बीच भारत-पाकिस्तान सीमा के पास गोला बारूद के नए डिपो बनाए हैं।
पाकिस्तान भले ही परमाणु हमले की धमकिया और गीदड़भभकियां देता रहे लेकिन उसकी असल हालत बेहद खराब है, जिसके चलते ही पाकिस्तानी सरकार भारत से बार-बार यही कह रही है कि पहलगाम आतंकी हमले को लेकर वह तटस्थ और साझा जांच कराने के लिए भी तैयार है।