भारत और पाकिस्तान के सीमा बलों के बीच महानिदेशक (डीजी) स्तर की वार्ता कल से शुरू हो रही है जिसमें भारत संघर्षविराम के उल्लंघन और सीमापार घुसपैठ जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठाएगा। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत रद्द हो गई है।
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान का 16 सदस्यीय शिष्टमंडल दोनों देशों के बीच कल से होनी वाली महानिदेशक स्तर की वार्ता में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को यहां पहुुंचा। दोनों देशों के बीच ऐसी बैठक डेढ़ वर्ष से अधिक समय के अंतराल पर हो रही है।
पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व रेंजर्स के महानिदेशक (पंजाब) मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की कर रहे हैं। आज अमृतसर के पास अटारी-बाघा सीमा पर पंजाब फ्रंटियर के सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ कमांडर ने उनकी अगवानी की।
वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, ‘पाकिस्तानी शिष्टमंडल के सदस्य 12 बजकर 35 मिनट पर भारतीय क्षेत्र में पहुंचे।’ बुर्की को भारतीय सीमा गार्डों ने पारंपरिक तौर पर सलामी और गार्ड आफ आनर पेश किया। शिष्टमंडल बीएसएफ के विशेष विमान से दिल्ली आएगा। इस स्तर पर पिछली बैठक लाहौर में दिसंबर 2013 में हुई थी।
पाकिस्तानी शिष्टमंडल में सिंध रेंजर्स के अधिकारियों के अलावा वहां के गृह मंत्रालय के अधिकारी, सर्वे आफ पाकिस्तान के अधिकारी, मादक पदार्थ निरोधक बल एवं आव्रजन अधिकारी शामिल हैं।
डीजी स्तर की वार्ता में 23 सदस्यीय भारतीय पक्ष का नेतृत्व बीएसएफ के डीजी डीके पाठक कर रहे हैं और इस दौरान जम्मू कश्मीर में संघर्षविराम के उल्लंघन, बीएसएफ के जवानों को निशाना बना कर किए जा रहे हमलों और घुसपैठ का मुद्दा उठ सकता है।
दिल्ली में 23-24 अगस्त को आयोजित होने वाली दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत के एजंडे के विषयों में मतभेद के कारण रद्द होने के बाद यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहली उच्च स्तरीय संपर्क होगा।
सूत्रों ने बताया कि ज्यादा तवज्जो जम्मू कश्मीर में संघर्षविराम के उल्लंघन जैसे अति महत्त्वपूर्ण विषय पर दिया जाएगा जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजर्स की ओर से बिना उकसावे की गोलीबारी में नागरिकों और जवानों की जान जाती है।
बीएसएफ की ओर से सफेद झंडा लहराने पर दूसरे पक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने का विषय भी कमांडरों की बैठक के दौरान उठेगा। झंडे लहराने का आशय गोलीबारी रोकने से होता है।
बीएसएफ के बयान में कहा गया है, ‘बातचीत में सकारात्मक मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा जिसमें विभिन्न स्तरों पर संवाद, समन्वित गश्त और विश्वास बहाली के अन्य उपाय जैसे विषय शामिल होंगे।’
बीएसएफ गुजरात में कच्छ के रण से लगे हरामी नाला में घुसपैठ के विषय को उठाएगी। इसके अलावा सीमापार से मादक पदार्थों की तस्करी, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जीरो लाइन क्षेत्र में संदिग्धों की अवैध गतिविधि के विषय भी उठेंगे।
पंजाब रेंजर्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर अक्सर होने वाले टकराव और कार्यकारी सीमा जैसे विषय एजेंडे में शीर्ष पर होंगे। पाकिस्तानी उच्चायोग के सूत्रों के अनुसार, बातचीत के दौरान भारतीय पक्ष की ओर से पंजाब और राजस्थान में कथित घुसपैठ के विषय को उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी शिष्टमंडल भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह को सक्रिय बनाने पर जोर देगा। हालांकि भारत का हमेशा से कहना है कि संयुक्त राष्ट्र समूह अपनी प्रासंगिकता खो चुका है और निष्क्रिय हो गया है।