Indus Water Treaty News: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। अब इस मसले पर पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत से संपर्क करने की कोशिश की है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत से संपर्क साधा है और सिंधु जल संधि पर भारत की चिंताओं को दूर करने की इच्छा जताई है।

रिपोर्ट में द इंडियन एक्सप्रेस अखबार में 15 मई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने को लेकर भारत द्वारा दी गई औपचारिक जानकारी के जवाब में पत्र लिखा गया था। अपने पत्र में उन्होंने सिंधु जल संधि के उन खास प्रावधानों पर चर्चा करने की पेशकश की, जिन पर भारत को आपत्ति है। यह पहली बार है, जब इस्लामाबाद ने औपचारिक रूप से संधि की शर्तों पर बातचीत करने के संकेत दिए।

रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे ही संपर्क की कोशिश ऑपरेशन सिंदूर से पहले भी की गई थी और तब बातचीत के लिए मई महीने की तारीख भी सुझाई गई थी। अब पाकिस्तान ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को फिर से पत्र लिखा है, जिसमें उसने फिर से बातचीत की पेशकश की है। सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से कम से कम दो अतिरिक्त पत्र भारत आ चुके हैं। सरकार के टॉप सूत्रों की मानें तो भारत इस समय पाकिस्तान के साथ इस विषय में बातचीत का इच्छुक नहीं है और सिंधु जल संधि स्थगित ही रहेगी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के ये पत्र विदेश मंत्रालय भेजे गए हैं।

पाकिस्तान के पत्र क्यों महत्वपूर्ण हैं?

पाकिस्तान द्वारा भारत की आपत्ति पर चर्चा के प्रस्ताव इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत की तरफ से जनवरी 2023 और फिर सितंबर 2024 में सिंधु जल संधि की “समीक्षा और संशोधन” की मांग करते हुए दो नोटिस भेजे गए थे। तब इन नोटिसों पर इस्लामाबाद की तरफ से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई थी। हालांकि जब से पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित किया है, तब से पाकिस्तान लगातार बातचीत करने पर जोर दे रहा है।

सरकार बना रही कई राज्यों में नहर के जरिए पानी डायवर्ट करने का प्लान

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी दी गई है कि सरकार ने सिंधु नदी प्रणाली (Indus River System) से भारत के विभिन्न राज्यों में पानी ले जाने के लिए एक नहर बनाने का प्लान बना लिया है।

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इसका पहला फेज दो सालों में पूरा होने की उम्मीद है, इसके तहत ब्यास नदी से राजस्थान के श्रीगंगानगर तक पानी ले जाने के लिए 130 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा। दूसरा फेज 70 किलोमीटर लंबा होगा, इसके जरिए नहर को यमुना नदी से जोड़ा जाएगा। ऐसे करने से पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली को भरपूर पानी उपलब्ध करवाया जा सकेगा। 

हालांकि इस प्रोजेक्ट के पहले फेज की टाइमलाइन तीन साल है लेकिन सीनियर अधिकारियों का कहना है कि इसे दो साल में ही पूरा किया जा सकता है और पानी ढाई सालों में डायवर्ट करना शुरू किया जा सकता है।

पाकिस्तान में बर्बाद हो जाएगी रबी की फसल

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में जाने वाले पानी को रोकने या प्रवाह कम किए जाने से रबी की फसल के लिए चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अगर रबी सीजन के दौरान एक महीने तक पानी उपलब्ध नहीं होता है तो इससे फसल नष्ट हो जाएगी। पीने के पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है। हालांकि पाकिस्तान में खरीफ सीजन के दौरान फसल को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी क्योंकि यह मानसून के साथ आता है।

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सरकारी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को ये भी बताया कि मानसून के खत्म होते ही भारत चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों पर मौजूद अपने हाइड्रो इलेक्ट्रिक रिजर्वायर में पानी और गाद निकालने के काम को तेज करने की प्लानिंग कर रहा है, ताकि उनकी स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाई जा सके। एक अधिकारी ने बताया कि इन सभी रिजर्वायर से गाद पूरी तरह निकाले जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि कुछ रिजर्वायर में सिल्ट और सेडीमेंट जम कर चट्टान बन गए हैं। इसके अलावा इनके कम से कम पांच फीसदी हिस्से चट्टानी हो गए हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस अखबार में पिछले महीने बताया गया था कि बगलिहार और सलाल प्रोजेक्ट्स में सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने के बाद पहली फ्लशिंग एक्सरसाइज की गई थी। इसका मकस्द उस सेडिमेंट को डैम से निकालना है, जो पावर जनरेशन में रुकावट पैदा कर रहे हैं। 1987 में बने सलाल डैम और 2008–09 में पूरे किए गए बगलिहार प्रोजेक्ट पर यह पहली फ्लशिंग एक्सरसाइज थी। इससे पहले पाकिस्तान इसको लेकर आपत्ति जताता था। मई की शुरुआत में शुरू हुई इस फ्लशिंग एक्सरसाइज में 690 मेगावाट के सलाल और 900 मेगावाट के बगलिहार प्रोजेक्ट्स के रिजर्वायर से 7.5 मिलियन क्यूबिक मीटर सेडिमेंट निकाली गई।