शिवसेना ने कश्मीर में चार जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए आज कहा कि उसने आतंकवादियों को ‘‘स्वतंत्रता सैनिकों’’ का दर्जा दिया है, जिसकी भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। पार्टी ने अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में म्यांमा की तरह हमले करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा गया है, ‘‘यह कहने के बजाए कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रायोजित कर रहा है, यह कहना बेहतर होगा कि पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों को ‘स्वतंत्रता सैनिकों’ का दर्जा दिया है।’’

उसने कहा, ‘‘हमारे बलों ने जिस तरह म्यांमा में घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की, हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी ऐसा करने में सक्षम हैं।’’

पार्टी ने कहा, ‘‘भारतीय वायु सेना प्रमुख (एयर चीफ मार्शल अरूप राहा) का कहना है कि (पीओके में आतंकी शिविरों पर हमला करने का) निर्णय राजनीतिक नेतृत्व को लेना होगा। इससे यह समझ आता है कि हिम्मत और क्षमताओं की कमी नहीं है बल्कि ऐसा करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है या यह है ही नहीं।’’

पार्टी ने कहा, ‘‘शहीद जवानों के ताबूत पर पुष्पचक्र अर्पित करने में कौन सी बहादुरी है? एक बार पाकिस्तान में घुसो और आतंकवादियों को जड़ से ही खत्म कर दो।’’

उसने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘जिन्हें हम मारते हैं, वे उन्हें शहीद की उपाधि देते हैं और उनकी याद में स्मारक बनाए जाते हैं।’’

उसने कहा, ‘‘हम पाकिस्तानी जवानों के खिलाफ नहीं बल्कि उन आतंकवादियों के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं जिन्हें पड़ोसी देश ने प्रशिक्षण दिया है। दु:ख की बात है कि ये आतंकवादी हम पर भारी पड़ रहे हैं।’’

शिवसेना ने अफसोस जताया कि आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में देश को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
पार्टी ने कहा, ‘‘हालांकि यह सच है कि भारतीय जवानों में जबरर्दस्त क्षमताएं हैं, लेकिन हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि उनके खिलाफ लड़ाई में हम भारी कीमत चुका रहे हैं।’’

उसने कहा कि यदि भारत आतंकवाद को उसकी जड़ से खत्म करने में सक्षम नहीं है तो भारतीय सेना के सामर्थ्य की बार बार बात करने की क्या आवश्यकता है?

शिवसेना ने कहा कि गुरदासपुर, उधमपुर और अब कुपवाड़ा में हुए हालिया हमलों को देखकर लगता है कि हम पाकिस्तान को सबक सिखाने में सक्षम नहीं हैं। इसके विपरीत हमें सबक सीखने की आवश्यकता है।

हंदवाड़ा के हफरूदा जंगलों में आतंकवादियों के होने की सूचना के बाद एक अभियान शुरू किया गया । इस दौरान आतंकवादियों के साथ सोमवार हुई भीषण मुठभेड़ में चार जवान शहीद हो गए। लोलाब इलाके में एक अभियान के दौरान हुई एक और मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया।