मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की टीम पूछताछ करना चाहती थी, पर पाकिस्तान ने टीम को वीजा ही नहीं दिया। न्यू यॉर्क स्थित पाक के वाणिज्य दूतावात ने टीम के वीजा के आवेदन को खारिज कर दिया। दरअसल, जमात-उद-दावा ने यूएनएससी 1267 सैंक्शन लिस्ट (प्रतिबंधित आतंकियों की सूची) से अपना नाम हटवाने को लेकर अपील की थी। हालांकि, उसकी इस अपील को खारिज कर दिया गया।
नियम के मुताबिक, किसी को भी इस सूची से हटाने से पहले यूएन की टीम उस व्यक्ति से मिलती है और सवाल-जवाब करती है। हालांकि, हाफिज सईद के मामले में ऐसा नहीं हो पाया, क्योंकि पाकिस्तान ने टीम को वीजा देने से ही मना कर दिया। यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब यूएन की 1267 प्रतिबंध कमेटी को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर बैन लगाने का नया अनुरोध प्राप्त हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान को डर था कि यूएन टीम से हाफिज सईद वे चीजें न बोल दे, जो दुनिया के सामने मुल्क को बेनकाब कर दें। ऐसे में पाकिस्तान ने यूएन अधिकारियों से उसकी मुलाकात की स्थिति ही नहीं बनने दी। यूएन टीम अधिकारियों के वीजा की दरख्वास्त खारिज किए जाने के बाद यूएन ओंबुड्समैन डेनिएल किपफर फैसिएटी को सईद का वीडियो इंटरव्यू लेना होगा, जिसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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दरअसल, 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद यूएन समिति से अजहर पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। उस हमले की जिम्मेदारी पाक स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
सूत्रों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सह-संस्थापक की अपील यूएन ने तब खारिज की, जब भारत ने उसकी गतिविधियों के बारे में विस्तृत साक्ष्य मुहैया कराए। साक्ष्यों में ‘‘अत्यंत गोपनीय सूचनाएं’’ भी शामिल थीं। उन्होंने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में सईद के वकील हैदर रसूल मिर्जा को वैश्विक संस्था के इस फैसले से अवगत करा दिया गया।
यूएन ने प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के मुखिया सईद पर 10 दिसंबर 2008 को बैन लगाया था। मुंबई हमलों के बाद यूएनएससी ने उसे बैन कर दिया था। बता दें कि मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे। (भाषा इनपुट्स के साथ)