भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों भारी आर्थिक संकट से दौर से गुजर रहा है, लेकिन इसके बावजूद वह अपने न्यूक्लियर हथियारों का जखीरा लगातार बढ़ाता जा रहा है। भारतीय रक्ष मंत्रालय ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास मौजूदा वक्त में 140-150 न्यूक्लियर हथियार मौजूद हैं। वहीं भारत के पास 130-140 न्यूक्लियर हथियार हैं।
द एटॉमिक साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान अपनी यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया और प्लूटोनियम प्रोडक्शन के द्वारा साल 2025 तक 220-250 न्यूक्लियर हथियार बना लेगा, जो कि मौजूदा आंकड़े से दोगुना है। इसके साथ ही पाकिस्तान चीन और उत्तर कोरिया की मदद से आने वाले सालों में न्यूक्लियर हथियारों के साथ ही अपने मिसाइल के जखीरे में भी काफी बढ़ोत्तरी करने की योजना बना रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान सेना भारत-विरोधी आतंकी संगठनों को लगातार अपनी मदद दे रही है। आतंकी संगठन लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिशें कर रहे हैं। हालांकि इस साल अभी तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घुसपैठ की घटनाओं में 43% की कमी आयी है। इसके पीछे रक्षा मंत्रालय ने सुरक्षाबलों की सीमा पर सतर्कता और बीते दिनों जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन के ठिकानों पर की गई भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक को बताया गया है।
वहीं भविष्य की चुनौतियों का मजबूती से सामना करने के लिए भारतीय नौसेना अपनी क्षमता में लगातार इजाफा कर रही है। इन्हीं कोशिशों के तहत रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में 100 हेवीवेट टारपीडो खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है। यह सौदा 2000 करोड़ रुपए का होगा। इस सौदे के तहत मिलने वाले टारपीडो से स्कॉर्पियो क्लास की 6 पनडुब्बियों को लैस किया जाएगा।
फिलहाल इन पनडुब्बियों का निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में किया जा रहा है। इनमें से एक पनडुब्बी भारतीय नौसेना को मिल चुकी है और एक पनडुब्बी कुछ समय में मिलने वाली है। बाकी पनडुब्बियों की डिलीवरी अगले 4-5 सालों में की जानी है।