पाकिस्तान ने आज सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा चौकियों (बीओपी) और असैन्य इलाकों को निशाना बनाते हुए दोबारा मोर्टार से भारी गोलाबारी की जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की मौत हो गयी। पाकिस्तान के इस ताजा संघर्ष विराम उल्लंघन की घटना के बाद दोनों ओर से फिर भारी गोलाबारी और गोलीबारी शुरू हो गयी।

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पाकिस्तानी रेंजर्स के जवानों ने आज दोपहर करीब दो बजे सांबा और कठुआ सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा चौकियों और असैन्य इलाकों को निशाना बनाकर मोर्टार से भारी गोलाबारी की।’’

उन्होंने कहा कि गोलीबारी में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया और बीएसएफ भी करारा जवाब दे रही है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शहीद सैनिक की पहचान कांस्टेबल देवेन्द्र कुमार के रूप में हुई है जो सांबा सेक्टर के खोरा सीमा चौकी पर तैनात था।

अधिकारी ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में पाकिस्तान की गोलाबारी और गोलीबारी में चार जवान और एक महिला की मौत हो गयी है जबकि भारत की जवाबी गोलीबारी में पाकिस्तानी रेंजर्स के पांच जवान और एक लड़की की मौत हो गयी।

कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान ने सभी सीमांत गांवों में गोलाबारी शुरू कर दी है और भारतीय क्षेत्र के 57 गांवों में रहने वाले 5,000 से अधिक लोग खतरे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम बचाव अभियान शुरू करने में अक्षम हैं।’’

चौधरी ने कहा कि इससे पहले दिन में हल्के हथियारों से गोलीबारी हुई थी लेकिन अब वे (पाकिस्तानी रेंजर्स) मोर्टार से गोलाबारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत गंभीर है और पाकिस्तानी गोले भारतीय क्षेत्र में तीन से चार किलोमीटर भीतर आए हैं।

आज दिन भर शांति बने रहने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने कठुआ और सांबा सेक्टर में स्थित सीमा चौकियों को निशाना बनाकर दोबारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जिसका बीएसएफ ने करारा जवाब दिया।

अधिकारियों ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘पाकिस्तानी रेंजर्स ने कल देर रात एकबार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और सांबा जिले की एक चौकी एवं कठुआ जिले के दो क्षेत्रों में हल्के हथियारों से गोलीबारी की।’’

पाकिस्तानी रेंजर्स ने तीन जनवरी की रात से चार जनवरी की सुबह तक कोई गोलीबारी नहीं की थी। नववर्ष की पूर्व संध्या के बाद से पाकिस्तान की ओर से जारी संघर्षविराम उल्लंघन को देखते हुए सीमावर्ती गांवों के लोगों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना जारी रखा। सांबा और कठुआ जिलों के सीमावर्ती गांवों से 3,500 से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं।