पाकिस्तान ने भारत के राफेल को टक्कर देने के लिए चीन से j-10c लड़ाकू विमान ख़रीदे हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान सरकार के मंत्री शेख रशीद ने जानकारी देते हुए कहा था कि अगले साल के मार्च महीने तक 25 चीनी लड़ाकू विमान पाकिस्तानी बेड़े में शामिल होंगे। हालांकि पाकिस्तानी सांसद ने जे- 10सी के मुकाबले राफेल को ही बेहतर बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जे-10 कई भूमिका निभाने वाला लड़ाकू विमान है। इसे चेंगडु विमान उद्योग द्वारा विकसित किया गया है। नाटो ने इसका नाम फायरबर्ड रखा हुआ है। जे-10 को पहली बार सिंगल सीटर जेट के साथ 1998 में उड़ाया गया था। जे-10 सी जे-10 का सबसे नवीनतम संस्करण है और इसे 2018 में चीनी सेना में शामिल किया गया था।
विशेषज्ञों के अनुसार J-10 एक सिंगल इंजन और हल्का लड़ाकू विमान है, जो हर मौसम में काम करने में सक्षम है। इस विमान में एक बड़ा डेल्टा विंग होता है और इसमें दो कैनार्ड होते हैं जो अतिरिक्त स्थिरता या नियंत्रण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। यह कॉकपिट के पीछे होता है। इसमें रूस निर्मित मिग-29 और यूएस निर्मित एफ-16 के बराबर पेलोड होता है। जे-10 सी में चीन द्वारा निर्मित ताइहांग इंजन लगाया गया है।
हालांकि पाकिस्तानी सांसद डॉ अफनान उल्लाह खान ने जे-10 सी ख़रीदे जाने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि यह फ्रांसीसी डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाए गए राफेल जेट के बराबर नहीं टिक सकेगा। पाकिस्तानी सांसद डॉ अफनान उल्लाह खान ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं J-10C को खरीदने के पीछे के तर्क को नहीं समझता। हमारे पास पहले से ही फाइटर F-16 है जो उसी की तरह का है। मुझे नहीं लगता कि जे-10 सी राफेल जितना अच्छा है। बता दें कि भारत ने फ्रांस से 36 विमान राफेल खरीदने का सौदा किया है।
जानें राफेल की खासियत
राफेल लड़ाकू विमान स्टार्ट होते ही कुछ ही देर में काफी ऊंचाई तक पहुंच सकता है। राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है, यानी राफेल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है। राफेल लड़ाकू विमान का कॉम्बैट रेडियस 3700 किलोमीटर है, साथ ही ये दो इंजन वाला विमान है। इसके अलावा इसमें तीन तरह की मिसाइल भी लगाई जा सकती है।