कुख्यात आतंकी, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज मोहम्मद सईद प्री-अरेस्ट बेल मिल गई है। सोमवार (15 जुलाई, 2019) को पाकिस्तान के लाहौर स्थित एंटी-टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने उसे और तीन अन्य लोगों को जमात-उद-दावा द्वारा मदसरे की जमीन का गलत इस्तेमाल करने के मामले में यह राहत दी।

कोर्ट ने 50 हजार रुपए के मुचलके पर 31 अगस्त तक के लिए सईद समेत हाफिज मसूद, आमिर हमजा व मलिक जफर को गिरफ्तारी से राहत दी है। पाकिस्तानी मीडिया ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुनवाई के समय आरोपियों के वकील ने दलील देते हुए कहा कि जमात-उद-दावा अवैध जमीन नहीं इस्तेमाल कर रहा है, जिसे कोर्ट ने मान लिया।

अधिकारियों के मुताबिक, जमात-उद-दावा 300 मदरसों और स्कूलों, अस्पतालों, एक प्रकाशन गृह और एंबुलेंस सेवा का संचालन करता है। वहां के पंजाब प्रांत की पुलिस ने कहा कि मार्च में सरकार ने जेयूडी और उसकी चैरिटी संस्था ‘फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन’ (एफआईएएफ) से जुड़े 160 मदरसों, 32 स्कूलों, दो कॉलेजों, चार अस्पतालों, 178 एंबुलेंस और 153 चिकित्सालयों पर रोक लगा दी थी।

सईद के नेतृत्व वाले जेयूडी को 2008 मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार लश्करे तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है। बहरहाल, लाहौर उच्च न्यायालय ने सईद और उसके सात सहयोगियों द्वारा आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन के आरोपों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में संघीय सरकार, पंजाब सरकार और आतंक रोधी विभाग को नोटिस जारी किया।दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है।

सईद को यह छूट ऐसे समय पर दी गई है, जब पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार पर आतंकी संगठनों और पाकिस्तान के बाहर आतंकी ऑपरेशन के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का भारी दवाब है।

इससे पहले, सईद समेत 13 लोगों को जुलाई की शुरुआत में आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग के मामले में आरोपित किया गया था। पाकिस्तान में उसके खिलाफ आतंकी गतिविधियों से जुड़े 20 से अधिक मामले चल रहे हैं, पर कोर्ट में सरकार द्वारा पर्याप्त सबूत पेश न कर पाने के कारण कोर्ट ने उसे जमानत दे दी।