पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद किरपाल सिंह की मौत के बाद उनका शव मंगलवार को भारत लाया गया। सिंह ने लाहौर की कोट लखपत जेल में 11 अप्रैल को आखिरी सांसें लीं थी। इसके बाद उनके शव का पोस्टमार्टम पहले लाहौर हॉस्पिटल में हुआ और इसके बाद एक पोस्टमार्टम भारत में भी कराया गया, जिसमें किरपाल सिंह का हार्ट और लीवर गायब था। खबर के मुताबिक किरपाल सिंह का दिल और कुछ अन्य अंग लाहौर के जिन्ना अस्पताल में निकाल लिए गए।
कुछ अंगों के हिस्से लैब भेजे गए हैं, ताकि पता चल सके कि किरपाल की मौत कहीं जहर से तो नहीं हुई। गौरतलब है कि पाक के डॉक्टर्स ने किरपाल की मौत का कारण हार्टअटैक बताया था। वहीं परिवार के लोगों को कहना है कि किरपाल सिंह की जेल में हत्या की गई थी। उन्हें जेल के 24 साल बाद अपने वतन की मिट्टी तो नसीब हुई, लेकिन मौत के बाद। बता दें कि किरपाल सिंह (54) को 1992 में भारत के लिए जासूसी करने के आरोप और पाकिस्तान में सीरियल ब्लास्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अमृतसर मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन अशोक चौहान ने बताया कि किरपाल सिंह के शव की पोस्टमार्टम में उनकी मौत की वजह साफ नहीं हो सकी है। मेडीकल में तीन डॉक्टर्स ने उनका पोस्टमार्टम किया था, लेकिन उन्हें किरपाल के शरीर पर किसी तरह के जख्म के निशान नहीं मिले। उसका अंतिम संस्कार गुरदासपुर में होगा।
उसका शव बाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया, जिन्होंने बाद में उनके परिजनों तक पहुंचाया। इसके बाद परिवार किरपाल के परिवार में मातम छा गया। किरपाल की बहन जागीर कौर बाघा बॉर्डर पर शव को लेने पहुंची। इस दौरान पंजाब कैबिनेट मिनिस्टर गुलजार सिंह, अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर वरुण रूजम के अलावा कई सीनियर ऑफिसर्स मौजूद दिखे।