पहलगाम हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है। इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि कड़े सुरक्षा उपाय शुरू किए जाने चाहिए। हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। अब बीजेपी नेता ने सिद्धारमैया को ‘पाकिस्तान रत्न’ कहा है।
विजयेंद्र ने सिद्धारमैया पर साधा निशाना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान के बाद उनकी आलोचना होने लगी। हालांकि उनके बयान को पाकिस्तानी टीवी चैनलों ने प्रमुखता से दिखाया। उन्हें भारत के भीतर से युद्ध के खिलाफ आवाज बताया। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने जियो न्यूज बुलेटिन की एक क्लिप शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, “सीमापार से वज़ार-ए-आला सिद्धारमैया के लिए बहुत-बहुत जयकार! पाकिस्तानी मीडिया सिद्धारमैया की बहुत प्रशंसा कर रहा है और पाकिस्तान के साथ युद्ध के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए भाजपा और अन्य लोगों से मिल रही प्रतिक्रिया से स्पष्ट रूप से निराश है।”
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए विजयेंद्र ने कहा, “नेहरू को रावलपिंडी की सड़कों पर खुली जीप में घुमाया गया था, क्योंकि पाकिस्तान सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए नेहरू से बहुत खुश था, जो पाकिस्तान के पक्ष में थी। क्या सिद्धारमैया भारत के अगले राजनेता होंगे जिन्हें पाकिस्तान में खुली जीप में घुमाया जाएगा?”
सिद्धारमैया को बीजेपी नेता ने बताया ‘पाकिस्तान रत्न’
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने सिद्धारमैया को ‘पाकिस्तान रत्न’ बताया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, आप अपने बचकाने और बेतुके बयानों के कारण रातों-रात पाकिस्तान में विश्व प्रसिद्ध हो गए हैं।”
कांग्रेस नेता ने सिद्धारमैया को घेरा
इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की टिप्पणी की उनके पार्टी सहयोगियों ने भी निंदा की है। कांग्रेस नेता एचआर श्रीनाथ ने कहा कि यह एक व्यक्तिगत बयान है और यह पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने कहा, “यह सिद्धारमैया का व्यक्तिगत बयान है, कांग्रेस पार्टी का नहीं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि अगर आप इस तरह के व्यक्तिगत बयान देना चाहते हैं, तो आप पार्टी और मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। राहुल गांधी और अन्य लोगों ने एकता की अपील की है। व्यक्तिगत टिप्पणी करना बहुत गलत है।”