कुछ हफ्ते पहले एक स्तंभ में मैंने कानून के शासन और कानून द्वारा शासन के बीच अंतर समझाने की कोशिश की थी। पहले सिद्धांत के मुताबिक, कानून सर्वोच्च है और हर शासक को कानून का पालन करना चाहिए। दूसरे सिद्धांत के मुताबिक, शासक सर्वोच्च है और कानून उसके नौकर हैं और नौकरों को किसी भी समय बदला जा सकता है। जब मनुष्य में बस्तियां बसाने और समुदाय बनाने का विचार जड़ें जमाना शुरू किया, तभी से उसने नियम बनाने शुरू कर दिए।
युद्ध के नियम
युद्ध के कुछ नियम होते हैं। दो महायुद्धों के बाद, चार जेनेवा समझौतों और उनमें बने नियम-कायदों को सभी 196 देशों ने अपनाया और अनुमोदित किया। उनके तहत अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानूनों का गठन हुआ। संक्षेप में, उनमें चार प्रमुख नियम हैं : संघर्ष के दौरान बीमार, घायल, चिकित्सा और धार्मिक कर्मियों की रक्षा करना।समुद्र में युद्ध के दौरान घायलों, बीमारों और टूटे हुए जहाजों की देखभाल करना।युद्धबंदियों के साथ मानवता का व्यवहार करना। कब्जे वाले क्षेत्रों सहित सभी नागरिकों की रक्षा करना।
हालांकि, विएतनाम, इराक और लीबिया के युद्धों में इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। रूस और यूक्रेन तथा इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्धों में उनका उल्लंघन किया जा रहा है। बलात्कार और लूटपाट आम बात है। रूस ने यूक्रेन के अस्पतालों, स्कूलों और नागरिक ठिकानों पर बमबारी और मिसाइल से हमले किए हैं। 24 जनवरी, 2024 को पैंसठ यूक्रेनी युद्धबंदियों को ले जा रहे एक रूसी परिवहन विमान को मार गिराया गया, जिसमें चालक दल के नौ लोगों समेत विमान में सवार सभी लोग मारे गए। रूस ने यूक्रेन पर आतंकवादी कृत्य का आरोप लगाया, जिसका यूक्रेन ने खंडन किया है।
इजराइल-हमास युद्ध में, हमास ने 7 अक्तूबर, 2023 को वर्तमान संघर्ष शुरू किया। उसने गाजा से दक्षिणी इजराइल पर एक हैरतअंगेज हमला किया, जिसमें बारह सौ से अधिक लोग मारे गए और 240 को बंधक बना लिया गया। पिछले चार महीनों के दौरान इजराइल की प्रतिक्रिया बहुत क्रूर और असंगत रही है। फिलस्तीनियों को संकरी गाजा पट्टी में जबरन धकेल दिया गया है और पच्चीस हजार लोगों के मारे जाने की खबर है। दोनों युद्धों में चारों पक्षों द्वारा हर नियम का उल्लंघन किया गया है। अगर युद्ध के नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो व्यक्तियों और देशों पर संयुक्त राष्ट्र न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है। गाजा में जनसंहार समझौतों के उल्लंघन के लिए दक्षिण अफ्रीका ने इजराइल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में घसीटा है।
प्रेम के नियम
प्यार के नियमों पर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं। मुझे लगता है कि प्यार के उतने ही नियम हैं, जितने इस दुनिया में प्रेमी हैं और जितनी इस पर किताबें लिखी गई हैं। एसी किताबों का एक लोकप्रिय शीर्षक है ‘प्यार के नियम’। प्यार के सरल नियमों से लेकर आठ नियम, चालीस नियम जैसे शीर्षकों वाली किताबों की एक लंबी फेहरिस्त है। हालांकि सच कहूं तो, मैंने उनमें से कुछ भी नहीं पढ़ा है, लेकिन जाहिरा तौर पर ऐसी किताबों का एक विशाल पाठक वर्ग है। जब मैं प्रेम के व्यावहारिक नियमों की तलाश कर रहा था, तो मुझे ये कुछ नियम मिले:
किसी ऐसे व्यक्ति पर अपना प्यार बर्बाद मत करो, जो इसकी कद्र नहीं करता। – विलियम शेक्सपियर। इंसान को हमेशा प्यार में रहना चाहिए। इसलिए किसी को कभी शादी नहीं करनी चाहिए। – आस्कर वाइल्ड। जब हम प्रेम के लिए किए गए करारों को पढ़ते हैं, तो हमारी दिशा क्या होती है? हम हत्या की तरफ बढ़ रहे होते हैं। – जार्ज बर्नार्ड शा। जब आप प्यार में ठोकर खाते हैं, तो फिर से उठ कर खड़ा होना आसान होता है। मगर जब आप प्यार में गिर पड़ते हैं तो ऐसा करना असंभव होता है। – अल्बर्ट आइंस्टीन।
इन सारे कथनों के पीछे मजाकिया अंदाज भी हो सकता है और नहीं भी, लेकिन इनके जरिए प्यार के कुछ नियमों को समझा जा सकता है। मेरे प्रिय कवि-दार्शनिक ने अपनी अमर कृति, तिरुक्कुरल (500 ईपू) में प्रेम पर एक पूरा खंड लिखा है। इस खंड में पच्चीस अध्याय और ढाई सौ दोहे हैं।निम्नलिखित में से कुछ नियमों को खोजने में मदद मिल सकती है: प्रेमियों के बीच जब नजर से नजर मिल जाए तो शब्द अपने अर्थ खो देते हैं। गाली से प्यार नहीं बुझता, जैसे तेल से आग नहीं बुझती।
राजनीति के नियम
राजनीति के मामले में, बेहतर है कि राजनीति के नियमों और राजनीति के कानूनों को लेकर भ्रमित न हों। कानून एक चीज है और नियम दूसरी- जैसे खेल के नियम और खेल खेलना दोनों अलग चीजें हैं। दरअसल, कुछ मैचों में खेल अघोषित नियमों के तहत खेला जाता है, जिसका मकसद स्थापित नियमों को तोड़ना होता है।
मसलन, राजनीतिक दलों द्वारा दलबदल पर रोक लगाने वाले कानून को इस तरह से लागू किया गया है कि इससे और अधिक दलबदल को बढ़ावा मिले। राजनीति के नियमों के तहत ‘अंपायर’ किसी एक पक्ष में खेल भी सकता है। ऐसे कई मामले हैं, जहां सदन के अध्यक्ष ही दलबदल के खेल में खिलाड़ी बन गए। इसके अलावा, राजनीति का नियम है कि सामान्य बात को जटिल तरीके से समझाया जाना चाहिए। इस नियम पर अधिक स्पष्टता और राजनीति के अन्य नियमों के बारे में जानकारी के लिए, नीतीश कुमार के पास जाएं।