इस साल स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे। इस अवसर को खास बनाने के लिए मोदी सरकार ने देशवासियों का आह्वान किया है कि वे घर-घर तिरंगा झंडा लगा फहराए। इसको लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। वे स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए घर-घर तिरंगा झंडा लगाने की सरकार की सलाह पर तीखे तेवर दिखा रहे है। इस मुद्दे पर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके झंडे पर ही सवाल उठाया है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “आर्गेनाइजर मैगजीन ने 17 जुलाई 1947 को कहा था और मांग की थी कि देश का राष्ट्रीय झंडा भगवा होना चाहिए। जब आरएसएस का माउथपीस यह कह रहा है और देश के प्रधानमंत्री यह कहते हैं कि आरएसएस उनका फाउंडेशन है। उससे उनको इंसपिरेशन मिला तो प्रधानमंत्री को इसके बारे में बताना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आर्गेनाइजर मैगजीन ने 14 अगस्त 1947 को लिखा कि हमारे नेशनल फ्लैग में जो तीन रंग हैं वह इविल (बुराई) हैं। तो प्रधानमंत्री और भाजपा को बताना चाहिए कि उन्होंने जो कहा है वह सही या गलत है। यह मेरा सवाल है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बताएं कि आरएसएस की मांग सही थी या गलत थी।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान ने एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था, “घर में तिरंगा लगाने की जरूरत क्या है। तिरंगा लगाना जरूरी नहीं होना चाहिए। हम तो पार्टी का झंडा लगाते हैं, मुल्क का झंडा तो मुल्क वाले लगाते हैं।”
पीएम मोदी ने लोगों से डीपी पर तिरंगा लगाने की अपील की थी
दरअसल प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देशभर में चल रहे आजादी के उत्सव को राष्ट्रभावना बताते हुए हाल ही में लोगों से अपील की थी कि वे अपने सोशल मीडिया एकाउंट के डीपी पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाएं। साथ ही 13 से 15 अगस्त तक घर-घऱ में राष्ट्रीय ध्वज लहराएं।
इसके अलावा संस्कृति मंत्रालय ने दो दिन पहले सभी सांसदों से अपील की थी कि वे तीन अगस्त को लाल किले से विजय चौक तक आयोजित हो रहे तिरंगा बाइक यात्रा में शामिल हों। इस यात्रा को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने केंद्रीय मंत्रियों प्रल्हाद जोशी और पीयूष गोयल के साथ लाल किले से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। रैली का समापन विजय चौक पर हुआ। इसमें बड़ी संख्या में सांसदों ने भाग लिया था। हालांकि विपक्ष नदारद था।