लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस समेत अलग-अलग विपक्षी दल पटना के बाद आज कर्नाटक के बेंगलुरु में जमा होंगे। इस बैठक में एनसीपी चीफ शरद पवार शामिल नहीं होंगे, यह जानकारी एनसीपी के प्रवक्ता ने दी है, हालांकि एनसीपी के शरद पवार गुट के कई सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के दूसरे दिन शरद पवार शामिल हो सकते हैं और इसका फैसला आज देर रात या कल सुबह तक लिया जाएगा।
विपक्षी दलों की इस अहम मानी जा रही बैठक में शरद पवार का नहीं पहुंचना विपक्षी दलों को एक झटके की तरह है। महाराष्ट्र के हालिया सियासी घटनाक्रम के बाद एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई थी और इसके विपक्ष के कई नेताओं ने शरद पवार के समर्थन में बयान दिए थे।
शरद पवार की विपक्षी दलों की बैठक में मौजूदगी काफी अहम मानी जा रही थी। हाल ही में महाराष्ट्र में अजित पवार कुछ विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं, हालांकि शरद पवार का कहना है कि यह एनसीपी का फैसला नहीं है।
‘BJP का समर्थन नहीं कर सकते’
अजित पवार और बागी खेमे के विधायकों से मिलने के कुछ घंटों बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया कि वह भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते हैं और अपनी प्रोग्रेसिव पॉलिटिक्स के साथ ही आगे बढ़ेंगे।
अपने भतीजे की बगावत से आहत 82 वर्षीय शरद पवार ने कहा कि उनका रास्ता स्पष्ट रूप से सोच लिया गया है। राकांपा संस्थापक ने कहा कि वह प्रगतिशील राजनीति जारी रखेंगे और भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे।
बैठक के दौरान शांत ही दिखाई दिए शरद पवार
अजित पवार खेमे के साथ बैठक के दौरान शांत रहे शरद पवार ने बाद में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। नासिक के युवा विंग कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, “मैं अपनी प्रोग्रेसिव विचारधारा के साथ आगे बढ़ रहा हूं, उन्होंने कार्यकर्ताओं से समावेशिता, समानता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर बने रहने का आग्रह किया। अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद दोनों चाचा भतीजे के बीच यह पहली बैठक थी।