सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। मानसून सत्र से पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रस्ताव रखा कि कोरोना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी दोनों सदनों के सदस्यों को संसद भवन की एनेक्सी में संबोधित करेंगे। सरकार के इस प्रस्ताव का विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया और कहा कि आख़िरकार सरकार को संसद के अंदर चर्चा करने से गुरेज क्यों है।
सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को संसद भवन की एनेक्सी में कोरोना महामारी के मुद्दे पर दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे। इसपर बैठक में शामिल कई विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया। बैठक में मौजूद रहे तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि आख़िरकार संसद के बाहर जाने की क्या जरूरत है? कोई भी चर्चा सदन में होनी चाहिए। सदन को दरकिनार करने का प्रयास किया जा रहा है। संसद का मजाक बनाना बंद करो।
वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि हमारी पार्टी इस बात पर कायम है कि जब भी संसद का सत्र चल रहा हो। तो सरकार को जो भी कहना हो वह सदन में आकर कहे। साथ ही येचुरी ने कहा कि सरकार जो भी बात रखना चाहती हो उसे सदन के अंदर ही रखा जाए। बता दें कि एनेक्सी संसद परिसर के परिसर के भीतर एक अलग इमारत है।
पीटीआई के अनुसार टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने दावा के किया कि सर्वदलीय बैठक में मौजूद रहे राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव और बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश मिश्रा सहित कई नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के एनेक्सी में संबोधन के प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया। हालांकि समाचार एजेंसी के सूत्रों के अनुसार राकांपा नेता शरद पवार ही एकमात्र विपक्षी नेता थे जिन्होंने एनेक्सी में में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के प्रस्ताव का विरोध नहीं किया।
मानसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों ने हिस्सा लिया। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे। भाजपा की गठबंधन सहयोगी सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस भी सर्वदलीय बैठक में उपस्थित थे