ससंंद भवन परिसर के बाहर विपक्षी दल बीते कई दिनों से निर्वाचन आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन दलों का आरोप है कि निर्वाचन आयोग द्वारा बड़े पैमाने पर वोटरों की धोखाधड़ी की जा रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देर शाम अपने सरकारी आवास पर सभी विपक्षी दलों के साथ रात्रिभोज का आयोजन किया। इस भोज के दौरान इंडिया गठबंधन के सभी बड़े नेता मौजूद रहे। विपक्षी दलों की यह बैठक में करीब एक साल बाद हुई। इस बैठक में विपक्षी प्रमुख 25 दलों के 50 बड़े नेता शामिल हुए।
इस बैठक में राहुल गांधी ने नेताओं के सामने कर्नाटक के एक लोकसभा क्षेत्र में वोट चोरी के सबूत पेश किए, जैसा उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था। पिछली बार विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक साल 2024 के जून में हुई थी, जब उन्होंने लोकसभा चुनावों में अच्छी-खासी बढ़त हासिल की थी।
बैठक में ये नेता रहे मौजूद
रात्रिभोज पर आयोजित इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थी। सपा मुखिया अखिलेश यादव, पार्टी की नेता डिंपल यादव, रामगोपाल यादव। टीएमसी के अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन। शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे। राकांपा (सपा) की सुप्रिया सुले और शरद पवार। राजद के तेजस्वी यादव। एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला। पीडीपी की महबूबा मुफ्ती। डीएमके के तिरुचि एन शिवा, सीपीआई के महासचिव डी राजा। सीपीआई (एम) के महासचिव एमए बेबी। सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और एमएनएम प्रमुख कमल हासन इस बैठक में उपस्थित थे।
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इस बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी मौजूद थे। इस बैठक में लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई ने बताया कि इस बैठक में निर्वाचन आयोग समेत अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई, यह बैठक सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि इस बैठक के मुख्य बिंदु एसआईआर मुद्दा और राहुल गांधी द्वारा किए गए खुलासे रहे।
विपक्षी नेता बोले- सार्थक रही बैठक
गोगोई ने बताया कि जिस तरह से विपक्षी दल राष्ट्रीय हित में संसद में एकजुट हुए हैं और सरकार को घेरा है, वही एकता बैठक में भी दिखाई दी। हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि इस बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा होगी। वहीं इस बैठक को लेकर सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा, ‘मुद्दा एसआईआर पर चल रहे विवाद और चुनाव आयोग किस तरह काम कर रहा है, मतदाताओं के नामांकन और पहचान के संबंध में किस तरह गलत काम किए जा रहे हैं, ये बैठक इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखकर थी।’
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बैठक के दौरान एनसी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश में कुछ पुस्तकों पर लगाए गए प्रतिबंध का मुद्दा उठाया। उन्होंने इसे पूरी तरह असंवैधानिक बताया। अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैंने देखा कि कैसे वोट चुराए गए हमारी चिंता जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा है।