Parliament Row: सोमवार को संसद की शुरुआत हंगामेदार रही। सदन में विपक्ष ने “अडानी सरकार” के नारे लगाए। विपक्ष अडानी समूह की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहा था। स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन में नारेबाजी कर रहे सदस्यों को यह कहते हुए फटकार लगाई कि नारेबाजी देश के हित में नहीं है और लोगों ने उन्हें अपने मुद्दों को उठाने के लिए चुना है।

लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप बाहरी उद्देश्यों के लिए विचार-विमर्श के लिए यह मंच चुनते हैं, यह उचित नहीं है। उन्होने कहा “मैं आपसे अपील करता हूं, यह सोचने का समय है कि आम आदमी क्या सोच रहा है”। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा नारेबाजी के बीच दोनों सदन कल 7 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं।

“अडानी-मोदी में यारी है”

अडानी विवाद पर सरकार से जवाब मांगते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने “अडानी-मोदी में यारी है, पैसे की लूट जारी है”, “एलआईसी बचाओ” और “नहीं चलेगी और बेमानी, बस करो मोदी-अडानी” जैसे नारों वाले कार्ड लिए थे।

अडानी चर्चा की मांग के बीच राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने विपक्षी सांसदों पर निशाना साधा
राज्यसभा में, विपक्ष ने अडानी समूह की एक संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग उठाई, जो अमेरिका स्थित एक फर्म, हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाने के बाद आग की चपेट में आ गया।

राज्यसभा में भी हंगामा

लोकसभा के साथ- साथ राज्यसभा में भी इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के सांसदों ने विरोध जताया। हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि तथ्य यह है कि आप बाहरी उद्देश्यों के लिए विचार-विमर्श के लिए एक यह चुनते हैं, यह उचित नहीं है … मैं आपसे अपील करता हूं, यह सोचने का समय है कि आम आदमी क्या सोच रहा है ।” जिसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया था।