संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर 28 जुलाई (सोमवार) को लोकसभा में बहस हुई। बहस में कई दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस बहस में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया तो वहीं विपक्ष की ओर से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने सरकार से तीखे सवाल पूछे। बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और उन्होंने बताया ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्या हुआ था?
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संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की 10 बड़ी बातें
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “पहलगाम हमले के तुरंत बाद हमारे सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की और 9 आतंकवादी ठिकानों पर सटीक निशाना साधा, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। विपक्ष के कुछ सदस्य पूछ रहे हैं कि हमारे कितने विमान मार गिराए गए? मुझे लगता है कि उनका सवाल हमारी राष्ट्रीय भावनाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने हमसे यह नहीं पूछा कि हमारे जवानों ने कितने दुश्मन विमानों को मार गिराया? अगर उन्हें कोई सवाल पूछना ही है, तो यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, और इसका जवाब है, हां। अगर आपके पास पूछने के लिए कोई सवाल है, तो यह पूछें कि क्या इस ऑपरेशन में हमारे किसी बहादुर सैनिक को नुकसान पहुंचा था? जवाब है, नहीं, हमारे किसी भी सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा था।”
- राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि अंत में, ‘धर्म’ की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना आवश्यक है। हमने 2006 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमले देखे- और अब हमने कह दिया है कि बहुत हो गया और सुदर्शन चक्र उठा लिया। उन्होंने कहा, “आज का भारत अलग तरह से सोचता है और अलग तरह से काम करता है। हमारा मानना है कि जब आपका विरोधी आतंकवाद को रणनीति बना लेता है और बातचीत की भाषा नहीं समझता, तो दृढ़ रहना और निर्णायक होना ही एकमात्र विकल्प है।”
- लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया। जयशंकर ने पाकिस्तान के झूठ की पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा काउंसिल का सदस्य है और हम नहीं है, लेकिन हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के बारे में बताया। जयशंकर ने यह भी कहा कि हमने पूरी दुनिया को बताया कि भारत को अपने नागरिकों की रक्षा करने का अधिकार है। जयशंकर ने कहा कि जब हमारी रेड लाइन क्रॉस कर गई, तब हमें सख्त कदम उठाने पड़े। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई।
- जयशंकर ने कहा, “हमने दुनिया के सामने पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब कर दिया। सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान समेत केवल तीन देशों ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। UN में 193 देश हैं, जिसमें से तीन सदस्यों ने ही इसका विरोध किया। सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई और उसने ही गुहार लगाई थी। क्वाड देशों ने पहलगाम घटना की निंदा की है। अमेरिका से तहव्वुर राणा का प्रत्यार्पण हुआ और यह हमारी डिप्लोमेसी है।”
- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कुछ चुभते हुए सवाल पूछे। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि राजनाथ सिंह जी ने बहुत सारी जानकारी दी, लेकिन रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने कभी उल्लेख नहीं किया कि कैसे पाकिस्तान से आतंकवादी पहलगाम पहुंचे और 26 लोगों को मार डाला। गौरव गोगोई ने कहा, “पूरा देश और विपक्ष पीएम मोदी का समर्थन कर रहा था। अचानक 10 मई को हमें पता चला कि युद्ध विराम हो गया है। क्यों? हम पीएम मोदी से जानना चाहते थे कि अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था, तो आप रुके क्यों, और किसके सामने आत्मसमर्पण किया? अमेरिकी राष्ट्रपति 26 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्ध विराम के लिए मजबूर किया।”
- गौरव गोगोई ने पूछा, “हम आज राजनाथ सिंह जी से जानना चाहते हैं कि हमारे कितने लड़ाकू विमान गिराए गए। हमें यह न केवल जनता को, बल्कि अपने जवानों को भी बताना होगा, क्योंकि उनसे भी झूठ बोला जा रहा है। 35 राफेल विमान थे और कितने अभी फंक्शनल हैं? अगर एक भी नुकसान हुआ है तो ये बहुत बड़ा नुकसान है।”
- भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस और नेता विपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ढाई मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहा था। इसमें दो मोर्चे का सबको पता था लेकिन आधा मोर्चा राहुल गांधी और कांग्रेस था। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इतिहास पीएम मोदी को उनके धैर्य और धीरता के लिए याद रखेगा जबकि राहुल गांधी को उनकी धूर्तता के लिए याद करेगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति है। उन्होंने कहा कि हमने आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारा है और ऑपरेशन सिंदूर में विश्व ने भारत की मारक क्षमता को देखा।
- बीजेपी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने भी जवाब दिया। शांभवी चौधरी ने कहा कि हम बता देना चाहते हैं कि यह एक नया भारत है और आतंकवादी हमले के बाद यह भारत मामबत्तियां नहीं जलाता बल्कि दुश्मनों की चिताएं जलाता है। उन्होंने कहा कि नया भारत शांति चाहता है लेकिन शांति अपनी शर्त पर और अगर अपनी शर्त पर शांति नहीं मिलती तो भारत डिस्ट्रक्शन पर भी जाता है। शांभवी चौधरी ने एक शायरी के माध्यम से कहा… ‘खतों का दौर गया, अब फरमान भेजे जाते हैं! जो करते हैं भारत की आत्मा पर वार, वह कब्रिस्तान भेजे जाते हैं।’
- शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद गणपत सावंत ने कहा कि जब आतंकियों को पकड़ा नहीं जाता है, आपके दिल में कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा, “ढोल हम सेना का बजाएंगे, आपका नहीं बजाएंगे। आपकी उसमें क्या शूरता-वीरता थी। आप कह रहे थे कि पाकिस्तान के अधिकारी गिड़गिड़ा रहे थे, तो वे शरणार्थी थे। आपने क्या शर्तें लगाईं, बिना शर्त के युद्ध रोक दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति तो आज भी कह रहे हैं। 200 में से एक देश आपके साथ नहीं आया। आपके साथ इजरायल खड़ा हुआ, जिसकी वजह से ईरान से आपके रिश्ते भी बिगड़ गए। किसने-किसने इस युद्ध में पाकिस्तान की मदद की, चीन तो कर ही रहा था, तुर्की भी कर रहा था। हमको यह सोचने की जरूरत है कि एक भी देश हमारे साथ क्यों खड़ा नहीं हुआ।”
- टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का क्रेडिट सेना का है, इसमें बंटवारा नहीं होना चाहिए। उन्होंने गृह मंत्रालय को गैर जिम्मेदार बताते हुए कहा कि 26 लोगों को मारने के बाद चार आतंकी कहां गए। बनर्जी ने कहा, “हम भारतीय सेना का सम्मान करते हैं। हमने विदेश नीति के मामले में भारत सरकार का पूरा समर्थन किया पाकिस्तान को ऐसा आघात देना चाहिए था, जिसे पूरी दुनिया देखे। कभी सुना है कि सेंचुरी करीब है, 90 रन हो गया और इनिंग डिक्लेयर। ये मोदी जी ही कर सकते हैं, और कोई नहीं। मोदी जी कृपा करके क्रिकेट में मत घुसिएगा।”