ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन ने मंगलवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सभी सैटेलाइट पूरी तरह से काम कर रहे थे। एक सभा को संबोधित करते हुए इसरो अध्यक्ष ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सभी सैटेलाइट 24/7 अच्छी तरह से काम कर रहे थे और जरूरतों को पूरा कर रहे थे। इससे पहले भी वी नारायणन ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा स्थापित सभी सैटेलाइट ने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इसरो प्रमुख ने यह भी बताया कि वर्तमान में भारत के 58 उपग्रह कक्षा में सही तरह से काम कर रहे हैं। इसरो प्रमुख ने कहा, ” ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सभी सैटेलाइट ने शानदार ढंग से काम किया। अपने सैटेलाइट के माध्यम से हमने ऑपरेशन सिंदूर में भारत के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित की । प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया है कि अगले तीन सालों में कक्षा में उपग्रहों की संख्या वर्तमान संख्या से कम से कम तीन गुना यानी 58 हो जाएगी। “
पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई, 2025 को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं की एक सुनियोजित प्रतिक्रिया प्रदर्शित की गई। इस ऑपरेशन के दौरान नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर तक फैले आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर हमला किया गया।
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युद्ध हमेशा अप्रत्याशित होता है- थल सेनाध्यक्ष
वहीं, दूसरी ओर युद्धों की अप्रत्याशित प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए, थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को आधुनिक युद्ध और सैन्य तैयारियों के तीन प्रमुख पहलुओं को रेखांकित किया। दिल्ली में अखिल भारतीय प्रबंधन संघ के 52वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन में बोलते हुए, थल सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कहा, “जब रूस ने युद्ध छेड़ा था तो हमने हमेशा सोचा था कि यह युद्ध केवल 10 दिनों तक चलेगा। ईरान-इराक युद्ध, जैसा कि हमने देखा लगभग 10 वर्षों तक चला।”
थल सेनाध्यक्ष ने आगे कहा, “जब ऑपरेशन सिंदूर की बात आई तो हमें यकीन नहीं था कि यह कितने दिनों तक चलेगा। हममें से अधिकांश लोग कह रहे थे कि यह चार दिन के टेस्ट मैच में क्यों समाप्त हो गया? युद्ध हमेशा अप्रत्याशित होता है। हम किसी विशेष मुद्दे के मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में अनिश्चित हैं।”