भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद सेना ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारत की सैन्य कार्रवाई पर डीजीएमओ की प्रेस ब्रीफ्रिंग में डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवादियों और उनके आकाओं से हैं, न कि पाकिस्तानी सेना से। एयर मार्शल ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप करने और आतंकवादियों का पक्ष लेने का विकल्प चुना, जिसके कारण हमें जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस बीच किराना हिल्स को लेकर पत्रकार ने सवाल पूछा जिसका एयर मार्शल ने दिलचस्प जवाब दिया।
भारत ने किराना हिल्स पर स्ट्राइक की?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने एयर मार्शल से सवाल पूछा कि क्या हमने किराना हिल्स पर भी हमले किए हैं, जो कि न्यूक्लियर साइट है। पत्रकार ने इसके संबंध में विदेशी विशेषज्ञों का हवाला दिया। इसके जवाब में एयर मार्शल ने कहा, “हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु संयंत्र हैं, हमें इसके बारे में पता नहीं था। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, जो कुछ भी वहां है, वहीं पर है।”
इस हमले से डर गया पाकिस्तान
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के Strategic Plans Division को संभालने वाले एक डिवीजन के पास नूर खान चकलाला पर भारत के हमले ने पाकिस्तान को डरा दिया। यह न केवल पाकिस्तान की सेना का Central Transport Hub है, बल्कि पाकिस्तान के Strategic Plans Division के मुख्यालय से भी कुछ ही दूरी पर है, जो देश के परमाणु हथियारों की देखरेख और सुरक्षा करता है।
इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा नेशनल कमांड ऑथोरिटी की बैठक बुलाना था जो यह निर्णय लेता है कि परमाणु हथियारों का उपयोग कैसे और कब किया जाए। NYT की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका ने पर्याप्त सबूत इकट्ठा करने के बाद कार्रवाई की कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्र में 300 से 400 ड्रोन भेजने के पीछे असली कारण उसकी हवाई सुरक्षा की जांच करना था। बाद में चिंता का सबसे बड़ा कारण तब सामने आया जब रावलपिंडी में नूर खान एयर बेस पर विस्फोट हुए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने जाहिर तौर पर अमेरिका से संपर्क किया और तभी वहां के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जयशंकर से बात की और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम नरेंद्र मोदी से बात की। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जेडी वेंस को बताया गया कि उन्हें समझना चाहिए कि भारत की प्रतिक्रिया बहुत ही कड़ी होगी।