देश में कोरोना वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच आंकड़े बता रहे हैं कि अब तक केवल 25 फीसदी आबादी को ही टीके की दोनों खुराक मिल पाई हैं। वहीं 69 प्रतिशत बालिग जनसंख्या को वैक्सीन का एक डोज मिला है। गुरुवार को सरकार ने यह जानकारी दी। सरकार की तरफ से कहा गया कि जिन इलाकों में जनसंख्या ज्यादा है, वहां अब भी कोरोना फैलने का खतरा है। ऐसे में गैरजरूरी यात्राओं और त्योहारों को धूम-धाम से मनाने से बचने की जरूरत है।
सरकार ने बताया कि 64.1 फीसदी वैक्सीन की डोज ग्रामीण इलाकों के सेंटर पर भेजी गई हैं जबकि 35 फीसदी शहरी क्षेत्रों को मिली हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जिन्हें सबसे ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है, बावजूद इसके इन राज्यों में अभी 60 फीसदी आबादी को दोनों खुराक नहीं मिल पाई हैं। सात राज्य ऐसे हैं जिनमें जनसंख्या के हिसाब से वैक्सिनेशन की दर काफी कम है। इसमें उत्तर प्रदेश टॉप पर है।
जनसंख्या के हिसाब से यूपी में सबसे कम वैक्सिनेशन
उत्तर प्रदेश में केवल 13.8 फीसदी आबादी को ही कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गई हैं। वहीं 58 फीसदी आबादी ऐसी है जिसे कम से कम एक डोज लगाई गई है। इस मामले में खराब प्रदर्शन करने वाले सात राज्य हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार को छोड़कर झारखंड, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, उत्तराखंड, केरल और हिमाचल प्रदेश भी इस श्रेणी में शामिल है।
यूपी के बाद दूसरा नंबर बिहार का है। बिहार में अब तक 14.6 फीसदी योग्य आबादी को ही दोनों डोज लगी हैं। वहीं 59.1 फीसदी आबादी को कम से कम एक खुराक मिल गई है। तीसरे नंबर पर झारखंड है। झारखंड में 16.4 प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी हैं। हालांकि कम से कम एक डोज के मामले में यह राज्य बिहार से पीछे है।
सरकार के मुताबिक देश में कुल कोरोना केस के 59 प्रतिशत मामले केवल केरल से ही आ रहे हैं। बताया गया कि देश में कोरोना की जांच अब भी कम नहीं हुई है। एक दिन में 15 से 16 लाख टेस्ट हो रहे हैं।