एक देश, एक चुनाव के मसले पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में दो मत नजर आए हैं। बुधवार (19 जून, 2019) को मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने पार्टी लाइन से अलग होकर कहा कि इस मुद्दे पर खुले मन से विचार होना चाहिए। देवड़ा ने इसके साथ ही निजी बयान भी टि्वटर पर शेयर किया।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दोपहर को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस की तरफ से कोई भी नहीं पहुंचा था। पार्टी की ओर से कहा गया कि अगर सरकार चुनाव सुधारों को लेकर कोई कदम उठानी चाहती है तो वह संसद में इस विषय पर चर्चा कराए।
इसी बीच, देवड़ा ने ‘एएनआई’ से कहा, “देश के 70 साल वाली चुनावी यात्री हमें बता चुकी है कि भारतीय वोटर राज्य और केंद्र स्तर के चुनाव के बीच फर्क करना जानता है। हमारा लोकतंत्र न तो कमजोर है और न ही अपरिपक्व। ऐसे में खुले मन से एक देश, एक चुनाव पर चर्चा हो सकती है।”
वहीं, उनके निजी बयान में कहा गया है, “केंद्र सरकार का ‘एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव चर्चा के लायक है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि साल 1967 से पहले देश में एक साथ ही चुनाव हुआ करते थे। पूर्व सांसद होने के नाते मैं मानता हूं कि लगातार होने वाले चुनावों से सरकार चलाने में बेहद दिक्कत आती है। चुनावों के कारण ठीक से सरकार नहीं चल पाती है।”
My personal views on the ongoing #OneNationOneElection debate pic.twitter.com/dUxP5BeJ80
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) June 19, 2019
सुझावों के लिए गठित होगी कमेटीः उधर, सर्वदलीय बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया से कहा, “अधिकतर पार्टियों ने एक देश, एक चुनाव के मुद्दे का समर्थन किया। हालांकि, सीपीआई (मार्क्सवादी) और सीपीआई की इस पर अलग राय थी, पर उन्होंने इस विचार का विरोध नहीं किया। पीएम ने बैठक में कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर सुझावों के लिए एक समिति गठित होगी, जो सीमित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।”
उनके मुताबिक, “हमने 40 राजनीतिक दलों को बुलाया था, जिसमें से 21 पार्टी अध्यक्षों ने हिस्सा लिया और तीन अन्य दलों ने इस मसले पर लिखित में मत भेजे।” बता दें कि पीएम मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर यह बैठक बुलाई थी।
‘1 देश, 1 चुनाव का धारणा लोकतंत्र विरोधी’: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-माक्सवार्दी (सीपीआई-एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि एक देश, एक चुनाव की धारणा संवैधानिक रूप से संघीय ढांचे और लोकतंत्र की विरोधी है। यह संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ों पर चोट करती है।