One Nation One Election यानी एक देश, एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। रामनाथ कोविंद पैनल की यह रिपोर्ट कुल 18,626 पन्नों की है। रिपोर्ट में 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। बताया गया कि हाई लेवल कमेटी ने हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श, परामर्श और 191 दिनों तक लगातार काम करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की।
पिछले सितंबर में गठित कमेटी को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए संभावनाएं तलाशने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी शामिल हैं।
कमेटी की रिपोर्ट क्या है?
- प्रारंभ में हर दस साल में दो चुनाव होते थे। अब हर साल कई चुनाव होने लगे हैं। इससे सरकार, व्यवसायों, श्रमिकों, न्यायालयों, राजनीतिक दलों, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और बड़े पैमाने पर नागरिक समाज पर भारी बोझ पड़ता है।
- समिति सिफारिश करती है कि सरकार को एक साथ चुनावों के चक्र को बहाल करने के लिए कानूनी रूप से व्यवहार्य तंत्र विकसित करना चाहिए।
- पहले चरण में लोक सभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएं। दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव लोकसभा और राज्य विधान सभाओं के साथ समन्वित होंगे।
- इस तरह से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव होने के 100 दिन के भीतर नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव कराए जा सकते हैं।
- लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के उद्देश्य से समिति सिफारिश करती है कि भारत के राष्ट्रपति आम सभा के बाद लोकसभा की पहली बैठक की तारीख को अधिसूचना द्वारा जारी कर सकते हैं। चुनाव आयोग इस अनुच्छेद के प्रावधान को लागू करें और अधिसूचना की उस तारीख को नियुक्त तिथि कहा जाएगा।
- कमेटी चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324ए लागू करने की सिफारिश करती है।
- कमेटी की सिफारिश है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी घटना की स्थिति में नए सदन के गठन के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
- जहां लोकसभा के लिए नए चुनाव होते हैं, लोकसभा का कार्यकाल, लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल से ठीक पहले की शेष अवधि के लिए ही होगा और इस अवधि की समाप्ति विघटन के रूप में कार्य करेगी।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे। मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए। उसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव हो सकेंगे।
- बता दें, रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को पैनल के गठन के बाद से हितधारकों और एक्सपर्ट्स परामर्श और 191 दिन के रिसर्च का नतीजा है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुआई में 8 सदस्यों की कमेटी पिछले साल 2 सितंबर को बनी थी। 23 सितंबर 2023 को पहली बैठक दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक हुई थी। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं।
