CJI BR Gavai News: जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई आज सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस बन गए हैं। उन्होंने देश के 52वें CJI के तौर पर शपथ ली। आज सीजेआई के तौर पर शपथ लेने वाले गवई के पिता का सपना आखिरकार पूरा हो गया। बिहार, केरल और सिक्किम के पूर्व राज्यपाल आरएस गवई भी कभी वकील बनना चाहते थे, लेकिन सामाजिक कार्यों में लिप्त होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाए।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस गवई ने एक बार याद करते हुए कहा था, ‘उन्होंने मुझसे अपना सपना पूरा करने के लिए कहा था।’ गवई ने नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की और 16 मार्च 1985 को प्रैक्टिस शुरू की। एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उनके पिता ने उनसे कहा था, ‘तुम समाज में और ज्यादा योगदान दोगे। एक दिन तुम भारत के मुख्य न्यायाधीश बनोगे। लेकिन मैं यह सब देखने के लिए वहां नहीं रहूंगा।’ जस्टिस गवई आर्किटेक्ट बनना चाहते थे, लेकिन पिता का सपना पूरा करने के लिए वो इसमें जुट गए।
गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा का इनाम मिला – कमलताई
अमरावती के एक नगरपालिका स्कूल से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक का उनका सफर विनम्रता से भरा हुआ है। उनकी मां कमलताई गवई ने कि उन्हें भरोसा है कि वह लोगों को न्याय दिलाएंगे, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उनकी मां ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा का इनाम मिला है। वहीं जस्टिस गवई की बहन कीर्ति अर्जुन ने कहा कि उनका सीजेआई बनना न केवल उनके परिवार या अमरावती के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा, ‘वह अपने दिमाग और दिल दोनों से काम करते हैं। उनके फैसले दूरदर्शिता और करुणा को दर्शाते हैं।’
कौन हैं जस्टिस गवई?
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में आरएस गवई और कमला के घर हुआ था। उन्होंने अपना कानूनी करियर 16 मार्च 1985 को शुरू किया था। उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व एडवोकेट जनरल और जज राजा एस भोंसले के जूनियर के रूप में अपना काम शुरू किया। उन्होंने 1987 से 1990 तक हाई कोर्ट में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करना शुरू किया। 1990 से उन्होंने हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की है। उन्होंने संवैधानिक और प्रशासनिक कानून की प्रैक्टिस की।
जनवरी 2000 में उन्हें नागपुर बेंच के लिए सरकारी वकील के तौर पर नियुक्त किया गया। वह 14 नवंबर 2003 को हाई कोर्ट के एडिशनल जज बने और 12 नवंबर 2005 को परमानेंट जज के तौर पर प्रमोट हुए। मई 2019 में कॉलेजियम ने हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत के साथ जस्टिस भूषण गवई को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की थी। जस्टिस बीआर गवई के परिवार का कांग्रेस से क्या संबंध है?