पीडीपी-भाजपा गठजोड़ टूटने की स्थिति में भगवा पार्टी का समर्थन नहीं करने को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि महबूबा मुफ्ती को अवश्य ही अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए क्योंकि वह समूचे राज्य को सरकार गठन पर कयास लगाते नहीं रख सकती हैं। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती लंबे समय से चुप हैं। वह अब और चुप नहीं रह सकती। उन्हें दो-तीन मुद्दे पर अवश्य ही अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और यह साफ करना चाहिए कि वे कौन से विश्वास बहाली के उपाय (सीबीएम) हैं तथा मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद अचानक सीबीएम की जरूरत क्यों पड़ी।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि एक निर्वाचित सरकार नहीं है फिर भी पीडीपी और भाजपा के बीच गठजोड़ बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां तक समझौता के बारे में हमारी जानकारी है भाजपा और पीडीपी के बीच गठजोड़ अब भी कायम है। हमने भाजपा या पीडीपी, किसी से नहीं सुना कि गठजोड़ टूट गया है, फिर सरकार का गठन क्यों नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि गठजोड़ के लिए एजेंडा बनाया गया और मुफ्ती साहब को मुख्यमंत्री बनाया गया। पिछले 10 महीनों में क्या बदलाव हुआ कि आज उनके पास विधानसभा में संख्या बल होने के बावजूद वे सरकार गठन के लिए तैयार नहीं हैं।

उमर ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस उन्हें पहले भी और फिर से कह रहा है कि यदि वे सरकार गठन के लिए तैयार नहीं हैं तो उन्हें गठजोड़ तोड़ने के लिए पर्याप्त हिम्मत रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों के पास वापस जाएंगे लेकिन मैं उनके नेतृत्व के बारे में समझ पाने में अक्षम हूं। वे विश्वास बहाली उपाय की बात करते हैं लेकिन मैं आश्वस्त नहीं हूं कि पार्टी के अंदर लोग जानते हैं कि नहीं, लेकिन बाहर कोई नहीं जानता कि उन्होंने क्या मांग की है।’’

उन्होंने कहा कि यहां तक भाजपा भी इस बात से अवगत नहीं है कि पीडीपी क्या मांग कर रही है। ‘‘यहां तक कि भाजपा ने कहा है कि कृपया स्पष्ट रूप से हमें बताएं कि आप क्या चाहते हैं, ताकि हम भी जान सके कि सीबीएम क्या है जिसकी महबूबा मुफ्ती मांग कर रही है और क्या वे समय सीमा रखे हुए हैं।’’

उमर ने कहा, ‘‘यहां तक कि महबूबा ने कुछ सीबीएम की मांग की है तब उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि सीबीएम क्या हैं और एक समय सीमा भी तय करनी चाहिए क्योंकि राज्य उनके लिए हमेशा इंतजार नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास एक समय सीमा होनी चाहिए और कहा कि यदि इतने दिनों में हमें जवाब नहीं मिला, तो यह गठजोड़ खत्म है और हम लोगों के पास जाएंगे।’’

यह पूछे जाने पर कि सरकार गठन के लिए संपर्क किए जाने पर क्या उनकी पार्टी भाजपा का समर्थन करेगी, नेकां नेता ने कहा कि उनके दरवाजे भाजपा के लिए एक साल पहले बंद हो गए थे और वे आज भी बंद हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले भी भाजपा ने उन विकल्पों को तलाशा था। मैंने कहा है कि आज के समय में नेकां भाजपा के साथ कोई संबंध बनाने को इच्छुक नहीं है। यहां तक कि मैं इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हूं।’’

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भाजपा के साथ उनकी पार्टी के गठजोड़ पर उमर ने कहा कि भाजपा इन बरसों में बदल गई है।