जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज पीडीपी-भाजपा की सरकार में भाजपा के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने उसी संविधान के प्रति निष्ठा रखने की शपथ खाई है जिससे छुटकारा पाने की कोशिश करते हुए उनके विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जान चली गयी।

उमर ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा के मंत्री जम्मू कश्मीर के उसी संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ले रहे हैं जिससे छुटकारा पाने की कोशिश करते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु हो गयी।’’ उन्होंने नये मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को शपथ लेने पर बधाई भी दी।

जनसंघ के संस्थापकों में शामिल रहे मुखर्जी का हिरासत में निधन हो गया था। वह जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिये जाने का विरोध करते हुए 23 जून, 1953 को राज्य का विलय भारतीय संघ में किये जाने की मांग कर रहे थे। उमर ने एक ट्वीट में अशरफ गनी मीर का मजाक भी उड़ाया और एक ‘स्माइली’ के साथ लिखा, ‘‘अशरफ वही शख्स हैं जिन्होंने मुझे हराने के बाद एके 47 से गोली चलाकर जश्न मनाया था। आज वह मंत्री बनने पर क्या करेंगे।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने सईद कैबिनेट में करगिल क्षेत्र के कमजोर प्रतिनिधित्व की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘लद्दाख से एक मंत्री बनाया गया है लेकिन करगिल से नहीं। जबकि श्रीनगर से तीन मंत्री बने हैं। करगिल में इस पर काफी असंतोष होगा।’’

उमर ने बधाई संदेश भी लिखा, ‘‘जम्मू कश्मीर के नये मंत्रियों को बधाई। आपको जिम्मेदारी अदा करने के लिए शुभकामनाएं।’’ उन्होंने ट्विटर पर सईद को व्यक्तिगत शुभकामना संदेश देते हुए लिखा, ‘‘मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब को जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई। मैं आपको मुख्यमंत्री के रूप में आपके कार्यकाल के लिए ढेर सारी शुभकामना देता हूं।’’