लोकसभा में किसान आंदोलन पर चर्चा के दौरान आप सांसद भगवंत मान हंगामा करने लगे तो स्पीकर ओम बिड़ला को गुस्सा आ गया। उन्होंने मान से कहा- ‘चुप।’ दरअसलआप सांसद भगवंत मान नारेबाजी करते हुए वेल की तरफ दौड़े। इसपर स्पीकर ने कहा, आप अपनी सीट पर बैठ जाइए। वह नहीं माने तो बिड़ला को गुस्सा आ गया और उन्होंने फटकार लगा दी। इससे पहले भी उन्होंने लोकसभा में हंगामा किया था और विपक्ष के इस रवैये के चलते सदन को स्थगित करना पड़ा था।

जब स्पीकर ने भगवंत मान को इस तरह फटकार लगाई तो भाजपा सांसद टेबल थपथपाने लगे। बता दें कि राज्यसभा में भी इसी मामले को लेकर आप सांसदों ने नारेबाजी की थी। इसके बाद उन्हें सदन से मार्शल आउट कर दिया गया। राज्यसभा में जब संजय सिंह नारेबाजी करने लगे तो अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने उनसे बार- बार अपनी सीट पर बैठने को कहा। वह नहीं माने तो मार्शन ने उठाकर बाहर कर दिया। वह ‘काले कानून वापस लो’ के नारे लगा रहे थे।

संजय सिंह ने कहा, जिस तरह से सदन में आजाद साहब ने भरोसा जताया कि जो हमने तय किया है उसी पर चलूंगा। मैं पूछना चाहूंगा कि भाजपा और कांग्रेस ने क्या तय किया गया है। जब हमें बाहर फेंका गया तो पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी तमाशा देख रही है और कोई आवाज़ उठाने को तैयार नहीं है। इस बात का संकेत है कि किसानों के मुद्दे पर आपस में गुपचुप कांग्रेस और भाजपा में बातचीत हो चुकी है जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी किसानों का मुद्दा उठाने में विफल साबित हुई है। हमारे नेता अरविंद केजरीवाल ने हमेशा किसानों का साथ दिया है।

बता दें कि विपक्ष की मांग के बाद सदन में 15 घंटे किसान आंदोलन पर चर्चा के लिए निर्धारित किए लेकिन विपक्ष के हंगामे के बाद कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने भी अपनी आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि किसानों के आगे तो अंग्रेज़ सरकार को भी झुकना पड़ा था। अगर किसानों के ये कानून पसंद नहीं हैं तो तत्काल वापस ले लेना चाहिए क्योंकि लड़ना है तो कोरोना, पाकिस्तान या चीन से लड़िए। किसानों से लड़कर कुछ हासिल नहीं होगा।